एड्सः गौतमबुद्ध नगर जिला जेल में बंद 31 कैदी एचआईवी से ग्रस्त मिले
जिला अस्पताल के एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर में इलाज शुरू, 2650 कैदियों की हुई थी जांच
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नोएडा। लुक्सर स्थित गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार में बंद 31 बंदियों की रिपोर्ट एचआईवी पाजिटिव आई है। जिला कारागार में 2650 कैदियों की जांच में यह बाद सामने आई है। जिला कारागार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उधर जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) पवन कुमार ने बताया कि कारागार में कैदियों की जांच शिविर लगाकर की गई थी।
शिविर में कैदियों के कई जांच हुए
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) पवन कुमार ने बताया कि शिविर में कैदियों के हर तरह की जांच (टेस्ट) की गई थी। जांच में पता चला कि 31 कैदी एचआईवी से ग्रसित हैं। इनका जरूरी इलाज शुरू कर दिया गया है। उधर, जेल प्रशासन ने बताया कि रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव आने के बाद ऐसे कैदियों का नोएडा के सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल के एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर में इलाज शुरू करवा दिया गया है। सभी संबंधित लोगों इस की जानकारी दे दी गई है।
गाजियाबाद में भी ऐसा मामला आया था
गौतमबुद्ध नगर जिले से पहले ऐसा ही मामला गाजियाबाद जिला जेल डासना में भी सामने आया था। वहां जब कैदियों की जांच (टेस्ट) हुई तो 140 कैदी एचआईवी से पीड़ित पाए गए। डासना जेल के सुपरिटेंडेंट (कारागार अधीक्षक) ने यह जानकारी साझा की थी।
घबड़ाने की जरूरत नहीं
उस अधिकारी का कहना था कि ये एक रूटीन चेकअप होता है। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। कैदी आमतौर पर इंजेक्शन लेने के आदी होते हैं। इंजेक्शन का उपयोग कई लोग कर चुके होते हैं। इसीलिए उनमें एचआईवी संक्रमण की संभावना ज्यादा रहती है। इसी जेल में टीबी के भी कई मरीज पाए गए थे। डासना जेल में पांच हजार से ज्यादा कैदी बंद हैं। उनका रूटीन चेकअप किया जाता है और जब कोई बीमारी पाई जाती है तो उनका इलाज शुरू किया जाता है। ऐसे कैदियों को अलग रखा जाता है।
इंजेक्शन कहां से पाते हैं कैदी, जवाब नहीं
अगर जेल अधिकारियों की बात को सही माने तो यह सवाल उठता है कि कारागार में बंद कैदी के पास से कहां से इंजेक्शन आता है। नियमानुसार किसी भी कारागार में बंद कैदी से मिलाई के पहले उसकी सघन चेकिंग होती है। इसी के बाद ही वह कैदी से मिल सकता है। अब सवाल यह उठता है कि इसके बाद भी इंजेक्शन कैदी के पास कैसे पहुंचता है, इसका जवाब कोई अधिकारी नहीं दे रहा है।