एयर इंडिया हादसा: टेकऑफ में हुई गलती या तकनीकी खराबी?

नोएडा: अहमदाबाद में 12 जून को हुआ विमान हादसा पूरे देश को हिला देने वाला रहा। एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (VT-ANB) थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
इस हादसे में 241 लोगों की जान चली गई। शुरू में इसे इंजन फेलियर माना जा रहा था, लेकिन अब एक नई आशंका सामने आई है — कॉन्फिगरेशन एरर।
क्या होती है कॉन्फिगरेशन एरर?
विमान को उड़ाते समय टेकऑफ सबसे संवेदनशील प्रक्रिया होती है। इस दौरान अगर पायलट फ्लैप्स की गलत सेटिंग कर दे, थ्रस्ट कम दे, रोटेशन समय से पहले कर दे या लैंडिंग गियर न उठाए — तो उसे कॉन्फिगरेशन एरर कहा जाता है।
इस तरह की चूक विमान की उठान और गति पर असर डालती है, जिससे कंट्रोल खो सकता है और दुर्घटना होना लगभग तय हो जाता है।
हादसे से जुड़े तकनीकी संकेत
एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 ने दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी, लेकिन केवल 5 से 9 मिनट बाद ही यह दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
विमान उस वक्त सिर्फ 825 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया था। जबकि इसकी रफ्तार सिर्फ 174 नॉट (करीब 320 किमी/घंटा) थी, जो टेकऑफ के लिए जरूरी न्यूनतम स्पीड 200–250 नॉट से काफी कम थी।
लैंडिंग गियर क्यों थे नीचे?
क्रैश के बाद सामने आए वीडियो में यह स्पष्ट देखा गया कि विमान के लैंडिंग गियर नीचे थे, जबकि टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही इन्हें ऊपर कर देना चाहिए था। यह भी एक बड़ा संकेत है कि पायलट से कॉन्फिगरेशन संबंधी गंभीर चूक हुई हो सकती है।
इंजन फेल नहीं, इंसानी चूक?
हादसे में शामिल बोइंग 787 में GE GEnx इंजन लगा था, जिसे दुनिया के सबसे भरोसेमंद इंजन में गिना जाता है। दोनों इंजन का एक साथ फेल हो जाना अत्यंत दुर्लभ माना जाता है।
ऐसे में अब विशेषज्ञ इस संभावना की ओर इशारा कर रहे हैं कि यह हादसा तकनीकी फेलियर नहीं, बल्कि पायलट की ऑपरेशनल लापरवाही का नतीजा हो सकता है।