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अमृत महोत्सवः बिजली विभाग की उपलब्धियों के बारे में दी गई जानकारी

बिजली महोत्सव एवं ऊर्जा दिवस का किया गया आयोजन

नोएडा। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत बिजली के क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों से आम लोगों को अवगत कराने और विद्युत विभाग द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र तक पहुंचाने, भविष्य में प्राप्त होने वाली विकास की सम्भावनाओं का प्रदर्शन करने के लिए उज्जवल भारत-उज्जवल भविष्य, पावर@2047 की थीम पर 25 से 31 जुलाई तक बिजली महोत्सव एवं ऊर्जा दिवस का आयोजन किया गया।

गौतमबुद्ध नगर जिले में यहां पंचशील बालक इण्टर कालेज सेक्टर 91 नोएडा के ऑडिटोरियम में बिजली महोत्सव एवं ऊर्जा दिवस का शुभारंभ मुख्य अतिथि जेवर क्षेत्र के विधायक धीरेंद्र सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

कार्यक्रम में ये लोग थे मौजूद

कार्यक्रम में बिजली विभाग के मुख्य अभियंता वीरेन्द्र नाथ सिंह, संयुक्त निदेशक विद्युत मनोज कुमार जायसवाल, अधीक्षण अभियंता प्रथम नोएडा विद्युत विभाग संजीव कुमार वैश्य, अधीक्षण अभियंता द्वितीय नोएडा विद्युत विभाग नंदलाल तथा प्रज्ञान पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य दिप्ति शर्मा, पंचशील बालक इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य डा नीरज टंडन एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि विद्युत विभाग के माध्यम से चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोग उठा रहे हैं। उन्होंने सौभाग्य योजना के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।

नोडल अधिकारी ने उपलब्धियों पर डाला प्रकाश

इस अवसर पर विद्युत विभाग के संयुक्त निदेशक व जिला नोडल अधिकारी एमके जायसवाल ने विद्युत विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में उत्पादन क्षमता 248554 मेगावाट से बढ़कर वर्तमान में 400000 मेगावाट हो गई है, जो मांग से 185000 मेगावाट अधिक है। भारत अब अपने पड़ोसी देशों को भी बिजली निर्यात कर रही है। पारेषण लाइनों में 163000 सीकेएम वृद्धि हुई है, जो पूरे देश को एक फ्रीक्वेंसी पर चलने वाले ग्रिड से जोड़ती है। लद्दाख से कन्याकुमारी तक और कच्छ से म्यांमार की सीमा तक यह दुनिया में सबसे बडे़ एकीकृत ग्रिड के रूप में उभरा है। उन्होंने बताया कि हम ग्रिड का उपयोग कर देश के किसी भी कोने से दूसरे कोने तक 112000 मेगावाट विद्युत पहुंचा सकते है। हमने कॉप 1 में वादा किया था कि 2030 तक हमारी 40 प्रतिशत उत्पादन क्षमता नवीकरणीय उर्जा स्त्रोतों से होगी। हमने तय समय सीमा से 9 वर्ष पूर्व वर्तमान में हम नवीकरणीय उर्जा से 163000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन कर रहे हैं एवं हम विश्व में तेज गति से नवीकरणीय उर्जा क्षमता संस्थापित कर रहे है। 201722 करोड़ रूपये के कुल परिव्यय के साथ हमने पिछले पांच वर्षो में 2921 नए सब स्टेशन का निर्माण 3926 सब स्टेशनों का संवर्धन 604465 सीकेएस एलटी लाइनों का संस्थापन 11 केवी की 268838 एचटी लाइनों का संस्थापन 122123 सीकेएम कृषि फीडरों का फीडर पृथककरण और संस्थापित कर वितरण अवसंरचना को सुदृ़ढ़ किया है। उन्होंने यह भी बताया कि विद्युत विभाग ने नया कनेक्शन प्राप्त करने की अधिकतम समय सीमा निर्धारित की है एवं रूफटॉप सोलर को अपनाकर उपभोक्ता अब उत्पादक भी बन सकते हैं।

विद्युत उपभोक्ताओं से किए गए वादे

उन्होंने कहा कि समय पर बिलिंग सुनिश्चित की जाएगी तथा मीटर संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए भी समय सीमा निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता शिकायतों के समाधान के लिए डिस्कॉम के माध्यम से 24×7 के कॉल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2018 में 987 दिनों में गांव का 100 प्रतिशत का विद्युतीकरण करते हुए 18374 गांवों तक बिजली पहुंचाने की कार्रवाई की गई है तथा लोगों के लिए सोर पंपों का उपयोग शुरू करने के लिए योजना बनाई गई, जिसके तहत केंद्र सरकार 30 प्रतिशत और राज्य सरकार 30 प्रतिशत सब्सिडी देगी, इसके अलावा 30 प्रतिशत ऋण की सुविधा विद्युत विभाग के माध्यम से दी जाएगी।

विद्यार्थियों ने पेश किए सांस्कृतिक कार्यक्रम

कार्यक्रम में पंचशील बालक इण्टर कालेज व प्रज्ञान पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं के द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, नुक्कड़ नाटक से आमनागरिकों को जागरूक किया गया और विद्युत विभाग के द्वारा बिजली के क्षेत्र पर लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग का आयोजन करते हुए केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा विद्युत विभाग के माध्यम से संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की विस्तारपरक रूप से आम नागरिकों को जानकारी उपलब्ध कराई, ताकि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र लाभार्थी उठा सकें।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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