एक और बड़ी उपलब्धि : टीबी के उपचार के लिए ग्रेटर नोएडा में स्थापित हुई पहली टीबी लैब, मिलेगा मरीजों को लाभ
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ग्रेटर नोएडा (फेडरल भारत न्यूज) ट्यूबरक्लोसिस(टीबी) की बीमारी से उपचार के लिए गौतमबुद्ध नगर में पहली टीबी लैब ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल में स्थापित की गई है। सोमवार को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने इसका उद्घाटन किया।
उत्तर प्रदेश की 26 वीं लैंब गौतमबुद्धनगर में
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने उद्घाटन अवसर पर कहा कि कठिन से कठिन टीबी बीमारी को ठीक करने में इससे मदद मिलेगी। उत्तर प्रदेश में अब तक 25 टीवी लैब हैं, इसे मिलाकर इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाएगी। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों का इलाज हो सकेगा।टीबी जैसी संक्रामर बीमारी को खत्म करने का हर संभव किया जा रहा है प्रयास।
टीबी संक्रामक रोग, फेफड़ों पर पड़ता है असर
टीबी जीवाणुजनित संक्रमण है, जो मुख्यत: फेफड़ों को प्रभावित करता है और शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। बैक्टीरिया आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करते हैं, लेकिन टीबी के बैक्टीरिया शरीर के किसी भी हिस्से जैसे गुर्दा, रीढ़ और मस्तिष्क पर हमला कर सकते हैं। टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित हर व्यक्ति बीमार नहीं पड़ता। परिणामस्वरूप, टीबी से संबंधित दो स्थितियां मौजूद हैं गुप्त टीबी संक्रमण(एलटीबीआई) और टीबी रोग। अगर ठीक से इलाज न किया जाए तो टीबी की बीमारी जानलेवा हो सकती है।