AOA यानी वसूली का औजार : सेक्टर 76 की आम्रपाली सिलीकान सिटी के एओए प्रेसीडेंट पर लगा अवैध वसूली का आरोप, डीसीपी से हुई लिखित शिकायत
नोएडा (फेडरल भारत न्यूज) : नोएडा, ग्रेटर नोएडा की सोसाइटीज में एओए (एसोसिएशन आफ अपार्टमेंट ऑनर्स) की मनमानी और अवैध वसूली की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। फ्लैट ऑनर्स से मेंटेनेंस और फ्लैटों की एनओसी (NOC) देने के नाम पर एओए के पदाधिकारी मोटी धनराशि की मांग करते हैं और इनकार करने पर जान से मारने की धमकी दी जाती है। ऐसी ही एक मामला सेक्टर-76 की आम्रपाली सिलीकॉन सिटी का है, जिसमें एओए अध्यक्ष पर एनओसी के नाम पर भारी रकम मांगने की शिकायत नोएडा जोन फर्स्ट के डीसीपी से की गई है। सेक्टर 113 थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है।
दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड ASI है एओए अध्यक्ष
नोएडा के रहने वाले नितिन गोयल ने डीसीपी, नोएडा जोन प्रथम से की गई लिखित शिकायत में सेक्टर 76 की आम्रपाली सिलकॉन सिटी सोसाइटी के एओए अध्यक्ष राजबीर सिंह चौहान पर फ्लैट की एनओसी देने के नाम पर रिश्वत की मांग की। इंकार करने पर फ्लैट का बिजली कनेक्शन काट दिया गया और पानी कनेक्शन काटे जाने की धमकी दी है। एओए अध्यक्ष राजबीर सिंह चौहान दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड एएसआइ है। डीसीपी को दी गई लिखित शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पुलिस के रसूख की भी उन्हें धौंस देकर धमकाया जा रहा है।
सेल-परचेज का टेंडर पास करने के लिए थे साढ़े तीन लाख
प्रॉपर्टी मैनेजमेंट कंपनी चलाने वाले नितिन गोयल ने शिकायत में कहा है कि उन्होंने सोसाइटी में सेल-परचेज का टेंडर दिसंबर 2023 में लिय़ा था। इस टेंडर की एवज में राजबीर सिंह को रिश्वत के तौर पर साढ़े तीन लाख रुपये की मोटी रकम ली गई थी। साथ ही शराब और अन्य दूसरी जरुरतों को पूरा करने के लिए प्रतिमाह पैसों की मांग की जाती रही है। एप्लीकेशन में नितिन गोयल ने पुलिस को बताया है कि उनके पास कई मामलों की रिकार्डिंग है, जिन्हें वह जांच के लिए उपलब्ध करान को तैयार है। फिलहाल इस मामले की जांच डीसीपी ने सेक्टर 113 थाने की पुलिस को सौंपी है। इस संबंध में आम्रपाली सिलीकॉन सिटी के एओए अध्यक्ष से संपर्क किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
एक हजार हाईराइज सोसाइटीज हैं गौतमबुद्ध नगर में
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट में 600 से अधिक बहुमंजिला सोसायटीज हैं, जबकि 310 के लगभग ग्रुप हाउसिंग परियोजना हैं। इनमें तकरीबन साढ़े चार लाख के फ्लैट हैं, जिनमें लगभग 10 लाख लोग रहते हैं। कुछ सोसाइटीज में मेंटेनेंस का कामकाज बिल्डर के हाथों में हैं, लेकिन अधिकांश में एओए( एसोसिएशन आफ अपार्टमेंट ऑनर्स) के पास हैं।
एओए अर्थात वसूली का अधिकार
एओए में प्रतिवर्ष या द्विवार्षिक चुनाव के आधार पर पदाधिकारियों का चयन होता है। एओए सोसाइटीज में मेंटनेंस के कामकाज से लेकर विज्ञापन के ठेके, सोसाइटीज कैंपस में क्योस्क,किड्स स्कूल, घरों में कॉर्मशियल एक्टीविटीज और अन्य कामों के नियम करते हैं। इस काम में ठेके से लेकर फ्लैटों की एनओसी देने के नाम पर ऑनर्स से मोटी रकम वसूली की जाती है। इसलिए एओए में पदाधिकारी बनने के लिए जबरदस्त मारामारी रहती है।
क्या कहते है थानाध्यक्ष
सेक्टर-113 थानाध्यक्ष कृष्ण गोपाल शर्मा का कहना है की डीसीपी के आदेश पर जांच की जा रही है।दोनों पक्षों को बुलाया गया है। बयां के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।