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उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्ट

पुरस्कारः स्वस्थ बालक व बालिका प्रतिस्पर्धा में विजयी बच्चे दो अक्टूबर को सम्मानित किए जाएंगे

गौतमबुद्ध नगर जिले के 1108 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बृहस्पतिवार को हुई थी यह प्रतियोगिता, अपने स्वस्थ बच्चों के साथ शामिल हुई थीं माताएं

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर हुई स्वस्थ बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा में विजयी बच्चे दो अक्टूबर को को पुरस्कृत किए जाएंगे। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। विजयी बच्चों का चयन अंकों के आधार पर हुआ है। हर कार्य के लिए अंक निर्धारित किए गए थे।

1108 आंगनबाड़ी केंद्रों पर हुई थी प्रतिस्पर्धा

स्वस्थ बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा गौतमबुद्ध नगर जिले के 1108 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बृहस्पतिवार को हुई थी। इस प्रतिस्पर्धा में स्वस्थ बच्चों के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया था।

बच्चों की सेहत परखी गई थी

इस प्रतिस्पर्धा में बच्चों की सेहत परखी गई थी। प्रतिस्पर्धा के एक दिन पूर्व बुधवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्वस्थ बच्चों के अभिभावकों के घर जाकर आकर्षक निमंत्रण पत्र दिए थे। ये निमंत्रण पत्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने खुद तैयार किए थे।

त्यौहार के रुप में हुई प्रतिस्पर्धा

जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर त्यौहार के रूप में यह प्रतिस्पर्धा आयोजित की गई थी। जिले में बृहस्पतिवार को दिनभर खूब बारिश हुई और यह बारिश शुक्रवार को भी जारी रही, बावजूद इसके महिलाओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। उन्होंने प्रतिस्पर्धा में बखूबी अपने स्वस्थ बच्चों के साथ भाग लिया था। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं, एचसीएल फाउंडेशन, कोहेशन फाउंडेशन आदि संस्थाओं ने प्रतिस्पर्धा में अपना योगदान दिया था।

ग्राम गेझा में आयोजित इस कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी शामिल थीं। उन्होंने स्वस्थ बच्चों के अभिभावकों का अभिनंदन करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी।

स्वस्थ प्रदेश परिकल्पना साकार करना उद्देश्य

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस प्रतिस्पर्धा का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ प्रदेश की परिकल्पना को साकार करना है। स्वस्थ बच्चे को पुरस्कृत एवं सम्मानित होते देख कुपोषित बच्चों के अभिभावक भी प्रेरित होंगे। विभाग की कोशिश है कि जिले में कुपोषण को जड़ से खत्म कर दिया जाए, इसके लिए सभी का सहयोग की जरूरत है। गर्भवती माताओं को चाहिए कि वह गर्भकाल के शुरुआती दिनों से ही अपने पोषण पर ध्यान दे, एक पोषित मां ही पोषित बच्चे को जन्म देती है। उन्होंने धात्री माताओं से अपील की कि वह अपने शिशुओं के पोषण पर ध्यान दें।

जन्म के एक घंटे बाद स्तनपान कराना जरूरी

उन्होंने बताया कि शिशु को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराया बहुत जरूरी है। मां का पहला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए टीके के समान होता है। मां के दूध में वह सभी आवश्यक तत्व होते हैं जो बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जरूरी होते हैं। शिशु को छह माह तक मां के दूध के सिवाय कुछ नहीं देना है, यहां तक कि पानी भी नहीं। छह के बाद शिशु को मां के दूध के साथ ही ऊपरी आहार जरूर देना चाहिए। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लगातार गर्भवती और धात्री माताओं को जागरूक करती रहती हैं।

अंक निर्धारित

स्वस्थ बालक और बालिका के चयन के लिए विभिन्न मानकों पर अंक निर्धारित किए गए थे। मासिक वृद्धि निगरानी के लिए पांच अंक। व्यक्तिगत स्वच्छता के तहत साफ हाथ, नाखून कटे होने, पोषण श्रेणी (ऊंचाई,लंबाई के सापेक्ष वजन) जो लगातार सामान्य श्रेणी में हो या गंभीर तीव्र अतिकुपोषित (सैम)  से मध्यम गंभीर कुपोषित (मैम) या फिर मैम से सामान्य श्रेणी में आए हों, उसके लिए 10 अंक।  इसीप्रकार आहार की स्थिति -शून्य से छह माह तक केवल स्तनपान, छह माह से तीन वर्ष तक प्राप्त होने वाले अनुपूरक पुष्टाहार का नियमित सेवन, तीन से पांच वर्ष के बच्चे (प्राप्त होने वाले अनुपूरक पुष्टाहार) का नियमित सेवन तथा आंगनबाड़ी केंद्र में उपस्थिति के लिए और आयु आधारित टीकाकरण के लिए 10-10 अंक। डी वार्मिंग के लिए पांच अंक निर्धारित किए गए थे। इन्ही मानकों पर प्रत्येक केंद्र पर स्वस्थ बालक एवं बालिका का चयन किया गया।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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