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बाबरिया गिरोहः वाहन के बीच में बिठा लेते थे सवारी को, फिर सामानों को चुरा लेते थे

अत्याधुनिक तकनीक की उपयोग कर पुलिस ने एक बदमाश को दबोचा, दो चोरों की पुलिस कर रही तलाश

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना सेक्टर-126 नोएडा की पुलिस ने अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर बाबरिया गिरोह के एक बदमाश दबोच लिया है। उसके दो साथी फरार हो गए हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है। पकड़े गए बदमाश के पास से चोरी के गहने और डेढ़ हजार रुपये बरामद हुए हैं। ये रुपये चोरी के गहने बेचकर उगाहे गए थे।

कौन है बाबरिया गिरोह का बदमाश

पुलिस द्वारा पकड़े गए बदमाश की पहचना सुरेन्द्र (उम्र 46 वर्ष) मूल निवासी बहीदनगर मंसूरगढ़ी, थाना क्वारसी, जिला अलीगढ़ के रूप में हुई है। वह वर्तमान में रामाडेरी के पास, थाना कोतवाली देहात, जिला बुलंदशहर उ0प्र0 में रहता था।

क्या है मामला

इस साल की 19 जनवरी को थाना सेक्टर-126 नोएडा पर एक व्यक्ति ने तहरीर दी कि 23 नवंबर 2022 को ईको वाहन में सवार कुछ लोगों ने सवारी बिठाने के नाम पर उसको वैन में बिठाकर और अपनी बातों में लगाकर उसके बैग से गहने चुरा लिए हैं। इस तहरीर पर पुलिस भादवि की धारा 379 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली।

कैसे पकड़ा गया

चोरी की इस वारदात के खुलासे के लिए पुलिस टीमें गठित की गई थी। टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से डाटा एकत्र किया। इसके अलावा आसपास के क़रीब 100 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की। बीट पुलिसिंग के जरिये लोकल इंटेलिजेंस से जानकारी लेकर संदिग्ध लोगों और वाहनों की कड़ी जांच की। इसके अलावा पुराने अपराधियों का डोजियर चेक किया। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस टीम और मैनुअल इंटेलीजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर इस चोरी की घटना का खुलासा कर दिया। इस खुलासे के बाद आज मंगलवार को चोरी करने में माहिर बावरिया गैंग के शातिर बदमाश सुरेंद्र को ग्राम बख्तावरपुर तिराहे के सामने सर्विस रोड सेक्टर-127 नोएडा के पास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि सुरेंद्र बावरिया गिरोह का सक्रिय सदस्य है। उसके विरूद्ध बदायूं, अलीगढ़, गौतमबुद्ध नगर जिले के विभिन्न थानों में चोरी, गैंगस्टर एक्ट सहित अन्य गंभीर धाराओं में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। कई मामलों में विभिन्न थानों की पुलिस उसे तलाश रही थी।

कैसे सामान चुराता थे गैंग के बदमाश

पकड़ा गया सुरेन्द्र ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह अपने दो साथियों सोनू तथा संदीप उर्फ पुशा के साथ मिलकर एक गाड़ी में सवारियां बिठा लेते हैं। उनका बैग, सामान गाड़ी की बीच वाली सीट के नीचे रख देते हैं। गिरोह के दो लोग पीछे वाली सीट पर पहले से बैठे होते हैं। बीच वाली सीट पर सवारियों को बिठा लेते हैं उनकी गाड़ी के बीच वाली सीट कंपनी द्वारा फिटिंग सीट से चेंज कराकर ऊंची करा देते हैं। इससे बैग आसानी से सीट के नीचे आ जाता था। फिर जो व्यक्ति गाड़ी चला रहा होता है वह तेज आवाज में गाना बजाता है। गिरोह के जो दो लोग पीछे बैठे होते हैं सवारी का बैग पीछे खींचकर उसका कीमती सामान निकाल लेते हैं और जिप पर फैवीक्विक डाल देते हैं। उसके बाद आगे चलकर गाड़ी खराब होने या पुलिस चेकिंग का बहाना कर सवारियों को रास्ते में ही उतार देते हैं। इस प्रकार वे तीनों मिलकर चोरी करते हैं। वे चोरी किए गए सामानों और रुपयों को आपस में बांट लेते थे।

दो लोगों को तलाश कर ही पुलिस

सुरेंद्र द्वारा बताए गए चोरी की घटना में शामिल उसके दो साथियों सोनू व संदीप की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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