बंगाल में लगी प्रचार पर रोक, बौखलाई ममता बनर्जी बैठी धरने पर आज शाम करेंगी 2 चुनावी रैलियां
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव आयोग के खिलाफ व्हीलचेयर पर धरना देने पहुंची
पश्चिम बंगाल.चुनाव आयोग द्वारा ममता के चुनाव प्रचार पर लगी 24 घंटे की रोक से बौखलाकर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) कोलकाता में गांधी मूर्ति के पास धरने पर बैठी. ममता बनर्जी ने व्हीलचेयर पर बैठकर दिया धरना. इस दौरान उनके पास कोई नेता या समर्थक मौजूद नही मिला. इस संबंध में सवाल करने पर तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘प्रदर्शन स्थल के निकट किसी पार्टी नेता को जाने की अनुमति नहीं हैं. इसलिए वह वहां अकेली बैठी हैं.’
जानिए पूरा मामला
दरअसल पश्चिम बंगाल में चरम पर पहुंची राजनीति और ममता बनर्जी की घटिया बयानबाजी को देखते हुए चुनाव आयोग ( Election commission ) ने पश्चिम बंगाल में 24 घंटो की रोक लगा दी है ये प्रतिबंध सोमवार शाम 12 अप्रैल 2021 से लेकर मंगलवार शाम 13 अप्रैल 2021 तक प्रभावी रहेगा.चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई रोक पर ममता का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ता दिखाई दे रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव प्रचार पर लगी रोक पर कड़ा ऐतराज जताया है साथ है चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की भी बात कही है.
ममता ने ट्वीट कर कहा, ”निर्वाचन आयोग के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक निर्णय के विरोध में, मैं कल दोपहर (मंगलवार) 12 बजे कोलकाता के गाँधी मूर्ति के पास धरने पर बैठूँगी।”
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में ममता बनर्जी के बयानों की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “ममता बनर्जी ने पिछले कुछ दिनों में 2 ऐसे बयान दिए जो प्रदेश के माहौल को खराब कर सकते हैं लिहाजा यह कार्रवाई करना बेहद जरूरी है”
To protest against the undemocratic and unconstitutional decision of the Election Commission of India, I will sit on dharna tomorrow at Gandhi Murti, Kolkata from 12 noon.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 12, 2021
ज्ञात हो कि इससे पहले भी चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को इसी संबंध में दो नोटिस जारी किए थे जिसमे पहले नोटिस में ममता बनर्जी से आयोग ने पूछा था कि उन्होंने हुगली में जो चुनावी रैली के दौरान सांप्रदायिक तर्ज पर वोटों के लिए अपील की थी, वह उस पर अपना पक्ष बताएं.
वहीं दूसरे नोटिस में चुनाव आयोग ने ममता के उस बयान पर जवाब माँगा, जिसमें उन्होंने केंद्रीय सुरक्षाबलों पर सवाल उठाया था और जनता से सीएपीएफ के जवानों पर हमला करने को कहा था.
चुनाव आयोग द्वारा भेजे गया नोटिस के जवाब में ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने वोटों को बाँटने की बात नहीं कही, बल्कि उल्टा हिंदू-मुसलमान सब को एक साथ रहने की बात कही थी.ममता बनर्जी ने अपने जवाब में कहा था कि यह उन लोगों को कड़ा संदेश था जो लोग समाज को बाँट कर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब हो कि चुनाव आयोग ने अपनी ये करवाई ममता के दोनो नोटिसो का जवाब देने के बाद ही की है.
केंद्रीय सुरक्षा बलों के ऊपर हमले वाले बयान पर ममता बनर्जी ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने हमले की बात कभी को की ही नही सिर्फ इतना कहा था की अगर कोई आपको वोट करने से रोके तो आप वहाँ पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कीजिए और अपने मत का इस्तेमाल कीजिए.
हालाँकि, ममता की इस सफाई के बाद भी चुनाव आयोग को उनकी मंशा कुछ ठीक नहीं लगी और आयोग ने ममता पर कार्रवाई करते हुए कहा व उन्हें चेतावनी दी कि वह ऐसे भड़काऊ भाषण देने से बचें, क्योंकि वह राज्य की मुख्यमंत्री हैं और इस तरह के भड़काऊ भाषण से राज्य की कानून व्यवस्था खराब हो सकती है.
आयोग ने बताया कि उसकी कोशिश राज्य में चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने की है, जबकि ऐसे भाषण चुनाव आयोग के प्रयास में बाधा उत्पन्न करेंगे.
चुनाव आयोग की इस कार्रवाई के बाद गुस्से से तिलमिलाई तृणमूल कॉन्ग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग की करवाई पर सवाल उठाते हुए उन्हें चेतावनी दी और साथ ही विरोध-प्रदर्शन करने की बात भी कही.
बहरहाल बंगाल में तेज होती राजनीति को देखते हुए चुनाव आयोग 8 चरणों में विधानसभा चुनाव करवा रहा है इनमें से 4 चरण समाप्त हो चुके हैं. पाँचवे चरण के लिए मतदान 17 अप्रैल को होगा. लेकिन हालातों को देखते हुए चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार 48 घंंटे की जगह 72 घंटे पहले खत्म करने को कहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि सोमवार सुबह पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज इलाके में 14 क्रूड बम बरामद किए गए है. अंदेशा लगाया जा रहा है की इन बमों का इस्तेमाल वोटिंग के दिन किया जाना था.