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सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस के कार्यक्रमों मैं शामिल होने से हटा बैन, अब शामिल होने पर नहीं होंगे दण्डित

दिल्ली / नोएडा : सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस के कार्यक्रमों में शामिल होने से अब बैन हट गया है। अब कोई भी कर्मचारी कार्यक्रम में शामिल हो सकेगा और उसके खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी।

इंदिरा गाँधी सरकार ने लगाया था प्रतिबंध
1966 में इंदिरा गाँधी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस के कार्यक्रमों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया था। अब सरकार ने ये बैन हटा दिया है। बीजेपी नेताओं ने सरकार के इस आदेश का जहां स्वागत किया है, वही विरोधी दलों ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। सोशल मीडिया पर ये मुद्दा छाया हुआ है।

लोकसभा चुनाव की समीक्षा बैठक के बाद लिया गया फैसला ?
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मन मुताबिक रिजल्ट नहीं मिला है। बीजेपी और आरएसएस ने मिलकर इसकी समीक्षा की तो सामने आया कि सरकार को 2014 चुनाव वाले मुद्दों पर वापिस आना होगा। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पूरे प्रदेश में दुकानों पर अपना नाम लिखवाने का आदेश जारी कर दिया। हालाँकि इस आदेश का सभी विरोध कर रहे है और इस विरोध के बीच केंद्र सरकार ने अब सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस के कार्यक्रमों में जाने का आदेश जारी कर दिया। उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश की तरह इस आदेश पर भी बहस शुरू हो गयी है और विरोधी दलों ने इस आदेश का विरोध शुरू कर दिया है।

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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