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विश्वासघातः कंपनी के रुपये अपने, पत्नी व रिश्तेदारों के खाते में करता रहा ट्रांसफर

काफी दिनों से कर रहा था यह खेल, कंपनी ने अंदरूनी जांच की तो मामला आया पकड़ में, पुलिस ने किया गिरफ्तार

नोएडा। जिस कंपनी ने उस पर विश्वास कर नौकरी दी। अपना खजाना सौंप दिया और उसे प्रोन्नति देकर मैनेजर भी बना दिया, उसी व्यक्ति ने कंपनी के साथ विश्वासघात कर दिया। वह कंपनी के विश्वास का फायदा उठाकर कंपनी के रुपयों को अपने, पत्नी और रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर करता रहा। इसकी जब शिकायत हुई तो सहसा प्रबंधन को विश्वास ही नहीं हुआ। बाद में मामले की जांच हुई तो शिकायत को सही पाया गया।

किस कंपनी का है मामला

मामला थाना सेक्टर-58 नोएडा क्षेत्र के ओमेक्स सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का है। आज शुक्रवार को थाना सेक्टर-58 नोएडा की पुलिस ने मुखबिर औ विभिन्न स्रोतों से मिली सूचना के आधार पर ओमेक्स सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के खाते से और विश्वासघात और धोखाधड़ी कर खुद के और अपनी पत्नी तथा निकटवर्ती रिश्तेदारों के खाते में रुपये ट्रांसफर करने के आरोप में अभय शुक्ल को छोटा डी पार्क सेक्टर-62, नोएडा से गिरफ्तार किया है। करीब 27 वर्षीय अभय मूल रूप से 252, श्रीकृष्णधाम कॉलोनी, वृन्दावन थाना रमणरेति, जिला मथुरा का निवासी है।

क्या है मामला

ओमेक्स सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधन ने 6 जून को थाना सेक्टर-58, नोएडा पर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके कंपनी के प्रबन्धक अभय शुक्ल के पास कंपनी की शाखा नोएडा के सभी प्रशासनिक और आर्थिक अधिकार पहली अक्टूबर 2021 से थे। अभय शुक्ल की पहली नियुक्ति कंपनी के लेखाकार के पद पर 12 सितंबर 2017 को की गई थी। उसे एक जनवरी 2021 को सहायक शाखा प्रबंधक और एक अक्टूबर 2021 को प्रोन्नति देकर प्रबंधक (मैनेजर) बना दिया गया। जिन प्रतिष्ठानों के साथ ओमेक्स सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का अनुबंध (कांटेक्ट) रहता था उन्हें उनकी मांग के अनुसार कर्मचारियों की आपूर्ति (सप्लाई) की जाती थी। उन प्रतिष्ठानों से अनुबंध के अनुसार नियत समय पर धनराशि ओमेक्स सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के एचडीएफसी शाखा सेक्टर-62 नोएडा में स्थित खाता में ट्रांसफर कर दी जाती थी। बैंक में विभिन्न प्रतिष्ठानों द्वारा जमा की गई धनराशि को आवश्यकता के अनुसार अभय शुक्ल कंपनी के कर्मचारियों के खातों और कुछ अन्य खर्च के रूप में नगद भुगतान करता था। नवंबर 2022 में कंपनी के कुछ गोपनीय सूत्रों से पता चला की प्रबंधक अभय शुक्ल द्वारा काफी समय से कंपनी के एचडीएफसी बैंक में भुगतान के लिए भेजी गई एक्सेल शीट पर उल्लिखित खातों में हेर-फेर कर कुछ फर्जी और गलत तरीके से अपने, अपनी पत्नी और करीबी रिश्तेदारों के खातो में भी भुगतान कर रहा था। कंपनी ने इसकी अंदरूनी जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई। इस पुलिस ने अभय के खिलाफ भादवि की धारा 420 और  408 के तहत मामला दर्ज कर अभय की तलाश शुरू कर दी। अभय रिपोर्ट दर्ज होने की भनक पाते ही फरार हो गया था। उसे आज पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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