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उत्तर प्रदेशलखनऊ

बड़ा एक्शनः लंपी वायरस के खिलाफ राज्य सरकार ने कमर कसी मास्टरप्लान तैयार

तीन सौ किमी लंबी इम्यून बेल्ट बनाएगी सरकार, पीलीभीत से इटावा तक बनेगा इम्यून बेल्ट

लखनऊ। राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तेजी से पांव पसार रहे लंपी वायरस की ‘लंबी घेराबंदी’ की तैयारियां राज्य सरकार ने शुरू कर दी है। सरकार ने पीलीभीत से इटावा तक इम्यून बेल्ट के जरिये लंपी वायरस को घेरने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। पांच जिलों के 23 ब्लॉक से होकर गुजरने वाली इम्यून बेल्ट 10 किलोमीटर चौड़ी होगी। पशुपालन विभाग की ओर से इसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

इम्यून बेल्ट क्रॉस नहीं कर पाएंगे संक्रमित पशु

पशुपालन विभाग की ओर से इम्यून बेल्ट के अंतर्गत निगरानी के लिए विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया जाएगा। टास्क फोर्स लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं की ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट का जिम्मा संभालेगी। संक्रमित पशुओं की कड़ी निगरानी रखने के साथ ही इन्हें इम्यून बेल्ट के भीतर ही रोकने की व्यवस्था होगी। पशुओं के संक्रमण को रोकने के लिए ऐसा प्रयास इससे पहले 2020 में मलेशिया में किया जा चुका है, जिसके परिणाम काफी सकारात्मक आए थे।

सरकार तेजी से चला रही टीकाकरण अभियान

उत्तर प्रदेश के 23 जिले लंपी वायरस से प्रभावित हैं। इनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले अलीगढ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर सबसे अधिक प्रभावित हैं। मथुरा, बुलंदशहर, बागपत, हापुड़, मेरठ, शामली और बिजनौर में भी वायरस तेजी से पांव पसार रहा है। लंपी वायरस के कारण अबतक प्रदेश के 2,331 गांवों के 21,619 गोवंश संक्रमित हो चुके हैं, इनमें से 199 की मौत हो चुकी है, जबकि 9,834 स्वस्थ हो गए हैं। संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया है। इसमें अब तक 5,83,600 गोवंश का टीकाकरण हो चुका है।

वायरस के प्रसार को रोकने की तैयारी

उत्तर प्रदेश में लंपी वायरस के अधिकांश मामले पश्चिमी जिलों में सामने आए हैं। इसे देखते हुए सरकार पीलीभीत से लेकर इटावा तक करीब तीन सौ किलोमीटर की लंबी दूरी को 10 किलोमीटर चौड़े इम्युन बेल्ट से कवर करने का कार्य योजना तैयार की है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के सामने पशुपालन विभाग ने इम्यून बेल्ट से संबंधित मास्टर प्लान का प्रेजेंटेशन रखा है, जिसे सरकार ने सहमति दे दी है।

इन विकास खंडों से होकर गुजरेगी इम्यून बेल्ट

ये इम्यून बेल्ट पीलीभीत जिले के बीसलपुर, बरखेड़ा, ललोरीखेड़ा, मरोरी और अमरिया विकास खंड से होते हुए शाहजहांपुर जिले के खुदागंज, निगोही, सिधौली, भावल खेड़ा, कांट, जलालाबाद और मिर्जापुर विकास खंड के रास्ते फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज, शमसाबाद और राजेपुर विकासखंड होते हुए मैनपुरी जिले के कुरावली, सुल्तानगंज और घिरौर विकास खंड तथा इटावा के बढ़पुरा, जसवंतनगर, सैफई, बसरेहर और ताखा विकासखंड तक जाएगी।

उत्तर प्रदेश में टीकों की कमी नहीं

पशुपालन विभाग के अधिकारी दावा करते हैं कि उत्तर प्रदेश के 9 मंडलों में लंपी वायरस को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। वायरस के प्रसार को देखते हुए सितंबर का महीना काफी संवेदनशील है। अधिकारियों के अनुसार विभाग के पास टीकों की कोई कमी नहीं है और 32 लाख से भी ज्यादा टीके प्राप्त हो चुके हैं। अभी दो लाख टीके प्रतिदिन लगाने की तैयारी पूरी हो चुकी है, जिसे जल्द ही तीन लाख टीके प्रतिदिन करने की योजना है।

क्या है लंपी वायरस

लंपी वायरस पशुओं में पाया जाने वाला एक खतरनाक वायरस है। यह मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों और टिक्स द्वारा एक पशु के शरीर से दूसरे पशु के शरीर तक यात्रा करता है। लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं को तेज बुखार आने के साथ ही उनकी भूख कम हो जाती है। इसके अलावा चेहरे, गर्दन, थूथन, पलकों समेत पूरे शरीर में गोल उभरी हुई गांठें बन जाती हैं। साथ ही पैरों में सूजन, लंगड़ापन और नर पशु में काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है। कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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