बड़ी खबर : ग्रेटर नोएडा के सात गांवों के 615 किसानों को जल्द मिलेगा आबादी भूखंड
उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों पर अमल शुरू, पात्रता तय करने को शिविर 14 दिसंबर से
ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने किसानों की मांगों निर्णय करने के लिए बनी उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों और मुख्य सचिव के निर्देशों पर अमल शुरू कर दिया है। ग्रेटर नोएडा के 7 गांवों के 615 किसानों की पात्रता सूची का प्रकाशन के बाद सुनवाई पूरी कर ली गई है। एक माह में किसानों को आबादी भूखंड के आवंटित करने का लक्ष्य है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट सबमिट की
दरअसल, किसानों की मांगोें पर अमल करने के लिए शासन ने राजस्व परिषद के चेयरमैन की अध्यक्षता में मेरठ मंडलायुक्त और जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर की तीन सदस्यीय समिति की गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट सबमिट कर दी। इस समिति की सिफारिशों पर अमल करने के लिए विगत 7 दिसंबर को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्राधिकरण, पुलिस व प्रशासन के साथ बैठक कर निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव के निर्देशों के मद्देनजर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने भूलेख विभाग को 7 गांवों के 615 किसानों को भूखंड आवंटन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।
615 किसानों के आबादी भूखंडों का आवंटन जल्द
प्राधिकरण के ओएसडी भूलेख गिरीश कुमार झा ने बताया कि सैनी, सिरसा, पतवाड़ी, थापखेड़ा, घंघोला, रोजा याकूबपुर और इटैहरा गांव के 615 किसानों के आबादी भूखंडों का आवंटन जल्द करने की तैयारी हैं। इन किसानों की पात्रता पात्रता सूची का प्रकाशन के बाद सुनवाई पूरी कर ली गई है। एक माह में किसानों को आबादी भूखंडों के आवंटन की तैयारी है। इसके साथ ही उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए 62 गांवों के 3532 किसानों की पात्रता तय करने के लिए गांवों में 14 दिसंबर से शिविर का आगाज होने जा रहा है। पहले दिन सिराजपुर और कैलाशपुर में शिविर लगाए जाएंगे। इस शिविर में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग के एसडीएम या ओएसडी और तहसीलदार स्तर के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
सार्वजनिक स्थल पर सुबह 11 बजे से शिविर
गांव में सार्वजनिक स्थल पर सुबह 11 बजे से शिविर लगाया जाएगा। पात्रता तय करने के लिए किसानों से नक्शा-11, आधार प्रमाणपत्र, आवेदन और मूल किसान के जीवित न रहने पर वारिसान प्रमाणपत्र आदि कागजात लिए जा रहे हैं। बता दें, कि आबादी भूखंडों के लिए वही किसान पात्र होगा, जिसका नाम 28 जनवरी 1991 से पूर्व खतौनी मेें दर्ज हो और वह यहां का मूल निवासी हो। एसीईओ ने बताया कि लीजबैक के जिन प्रकरणों को शासन ने सही पाया है और लीजडीड करने की अनुमति दे दी है, उन किसानों को पत्र जारी कर दिए गए हैं। एक सप्ताह में प्रक्रिया पूरी कर इनकी लीज डीड कराने की तैयारी है।