जेवर से बड़ी खबर, इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्थापित किसानों की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन होगा सार्वजनिक, बेवसाइट्स पर किया जाएगा लोड
ग्रेटर नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) : जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के दूसरे चरण में विस्थापित होने वाले किसानों की परिसंपत्तियों के मूल्यांकन को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया गया है। परिसंपत्तियों के मूल्यांकन को जिले व तहसील की वेबसाइट के अलावा गांव में भी सार्वजनिक रूप से हार्ड कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी। जेवर के विधायत धीरेंद्र सिंह के प्रयासों से यह संभव हो सका है।
विधायक से किसानों ने की थी मूल्यांकन को सार्वजनिक करने की मांग
किसानों ने जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह से मूल्यांकन को सार्वजनिक करने की मांग की थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने किसानों की परिसंपत्तियों को सार्वजनिक करने का फैसला लिया। उल्लेखनीय है कि जेवर के दयानतपुर, कुरैब, करौली बांगर, रन्हेरा, बीरमपुर, मुढरह के किसानों से 1181 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
इन गांवों के किसानों को किया जा रहा है विस्थापित
प्रशासन द्वारा कुरैब, कुरैब का माजरा, नगला जहानु, रन्हेरा, कौरोली बांगर के माजरा नगला हुकमसिंह के किसानों का विस्थापन किया जा रहा है। किसानों का आरोप था कि इन गांव में परिसंपत्तियों के मूल्यांकन को लेकर कुछ कर्मचारी पहले ही भ्रष्टाचार का खेल कर चुके हैं।
किसान कार्यालयों के चक्कर लगाने से बचेंगे
दोबारा से हो रहे मूल्यांकन को सार्वजनिक न किए जाने से किसानों को कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इसी को लेकर कुछ किसानों ने जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह से वार्ता करते हुए मूल्यांकन को सार्वजनिक कराने की मांग की थी। इससे किसानों को पता चल सके की उनकी संपत्तियों का क्या मूल्यांकन बन रहा है। जेवर विधायक ने जिलाधिकारी को पत्र व वार्ता कर समस्या से अवगत कराया। इसके बाद फैसला लिया गया कि किसानों को अब उनकी संपत्तियों का मूल्यांकन जिला, तहसील व गांव में सार्वजनिक रहेगा।