बड़ी खबरः फर्जी काल सेंटर के जरिये नामी कंपनियों में नौकरी दिलाने पर गिरोह ठगता था बेरोजगारों को
पुलिस ने चार आरोपियों को दबोचा, सैकड़ों युवक और युवतियों से लाखों रुपयों की ठगी कर चुका है यह गिरोह, पुलिस को और जानकारी मिलन की उम्मीद
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना सेक्टर 63 नोएडा की पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो कॉल सेंटर के जरिये नामी कंपनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर सैकड़ों बेरोजगार युवक और युवतियों को ठग चुका है। यह गिरोह नौकरी डॉट कॉम का फर्जी लेटर भी देता था।
कैसे पकड़े गए आरोपी
सेंट्रल नोएडा के डीसीपी रामबदन सिंह ने थाना सेक्टर 63 नोएडा में मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान जानकारी दी कि दो मई को सुनील निवासी बहलोलपुर थाना सेक्टर 63, नोएडा ने अभिषेक, आलोक और उनके अन्य साथियों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने नामी कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर नौकरी डॉट कॉम का फर्जी लेटर देकर उसे 67 हजार रूपये ठग लिए हैं। इसके लिए उन्होंने थाना सेक्टर 63 नोएडा को एक प्रार्थना पत्र दिया था। पुलिस ने भादवि की धारा 420, 467, 468, 471, 406, 34 के तहत अभिषेक, आलोक और उनके अन्य साथियों के खिलाफ मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने 3 मई को मामले की जांच में आलोक (उम्र 32 वर्ष), सतीश सिंह (उम्र 32 वर्ष), उमेश (उम्र 20 वर्ष) और अभिषेक (उम्र 23 वर्ष) के नाम सामने आए। रिपोर्ट के आधार पर बी-86 सेक्टर 60, नोएडा से कॉल सेंटर में प्रयोग किए गए उपकरणों, 27 हजार रुपये, ऑल्टो कार सहित गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने टीम गठित की
डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि धोखाधडी जैसी इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी गई। थाना सेक्टर 63 के प्रभारी निरीक्षक के नेतृत्व में टीम गठित की गई जिसमें मुकदमें की जांच सब इंस्पेक्टर जितेंद्र बालियान ने शुरू कर दी। जांच, सुबूतों को इकट्ठाकर भुक्तभोगी सुनील के बताए गए स्थान बी-86 सेक्टर 60, नोएडा पर छापा मारा। छापे में काल सेंटर के अंदर बने अलग-अलग केबिनों में चार लोग बैठे दिखे। वे डेस्कटॉप, मोबाइल फोन और वॉकी-टॉकी के जरिये काम कर रहे थे। उनसे सुनील के साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में पूछताछ की गई तो उन्होंने धोखाधड़ी करना कुबूल र लिया। कॉल सेंटर का सरगना आलोक को बताया गया है। वह पहले भी थाना साइबर क्राइम चड़ीगढ़ से जेल जा चुका है।
कैसे करते थे अपराध
डीसीपी ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि गिरोह के सरगना आलोक ने एक विश्वविद्यालय से बीसीए की पढ़ाई की हुई है। जल्दी से ढेरों रुपये कमाने के चक्कर में उसने फर्जी कॉल सेंटर खोला। इसमें उसने अपने साथ कुछ साथियों को काम करने के लिए रखा। वे बेरोजगार युवक और युवतियों को फोन करने के लिए जॉब पोर्टल से डाटा चोरी कर उनके बारें में जानकारी इकट्ठा करते थे। इसके बाद उनके मोबाइल नंबर पर फोन कर उनके जॉब प्रोफाइल, शैक्षिक योग्यता के अनुसार नामी कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। इसके बाद नौकरी पाने के इच्छुक युवक और युवतियों से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 1900 रुपये वसूलते थे। प्रोसेसिंग फीस मिल जाने पर वेरिफिकेशन और रिज्यूम अपडेट करने के नाम पर और रुपये अपने खाते में डलवा लेते थे। फिर फर्जी नौकरी डॉट कॉम की रिसीप्ट तैयारकर बेरोजगार युवक और युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी रिसीप्ट दे देते थे। गिरोह के लोग किसी को भी नौकरी नहीं देते थे। ठगी की धनराशि वे अपने संचालित फर्जी अकाउंट नंबरों में ट्रांसफर कराते थे। पुलिस ने उनके पास से जो 27 हजार रुपये बरामद किए हैं वह भी बेरोजगारों को ठगकर उगाहे गए थे। कॉल सेंटर के सरगना आलोक ने यह भी बताया कि अब तक वह अपने साथियों के साथ मिलकर नौकरी दिलाने का झांसा देकर 100-200 लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर ठग चुका है। पांच माह से कर रहे थे ठगी
उन्होंने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि वे लोग करीब पांच महीने से फर्जी कॉल सेंटर खोलकर ठगी कर रहे थे। पुलिस की नजर में ये फर्जी नौकरी लगवाने वाला कॉल सेंटर नहीं आए इसलिए ये लोग समय-समय पर अपना ऑफिस बदल देते थे। वे अब तक दो स्थान बदल चुके हैं। पुलिस अन्य माध्यम का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वे लोगों को ठग चुके हैं और कितनी जगह कॉल सेंटर चलाया जा रहा है। अन्य जिलों में भी जालसाजों के आपराधिक रिकॉर्ड का पता लगाया जा रहा है।
शिक्षा के अनुसार तय था रेट
डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि कॉल सेंटर के सरगना आलोक ने बताया है कि वह कॉल सेंटर पर बेरोजगारों युवक और युवतियों से उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार नामी कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर रकम ऐंठते थे, जिनका हजार रुपये से लेकर लाखों रुपये तक रेट तय कर रखा था। जैसी नौकरी वैसा ही रेट वसूलते थे।
कहां के रहने वाले हैं आरोपी
आलोक ग्राम ब्रह्माबाद थाना सैदनंगली, जिला अमरोहा का मूल निवासी है। वह वर्तमान में फ्लैट नं-801, टावर नं.ए-2, पंचशील एकमूर्ति थाना बिसरख, नोएडा में रहता था। सतीश सिंह ग्राम अग्रसंडा थाना फेफना, जिला बलिया का मूल निवासी है। वह वर्तमान में सी-9 फ्लैट नंबर 104 सुपरटेक इको विलेज-2 थाना बिसरख, नोएडा में रहता था। उमेश मूल रूप से ग्राम शिकारपुर थाना शिकारपुर जिला बुलंदशहर का निवासी है वह वर्तमान में सलारपुर सेक्टर 101 थाना सेक्टर 39 नोएडा में रहता था। अभिषेक मूल रूप से दरियापुर थाना सिंभावली, जिला हापुड का निवासी है। वह वर्तमान में गली नंबर 7 मकान नंबर 86 दीपक विहार खोड़ा कॉलोनी थाना खोडा, गाजियाबाद में रहता था।
क्या हुआ इनके पास से बरामद
डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, विभिन्न कंपनियों के 6 मोबाइल फोन, 10 डेस्कटॉप, की-बोर्ड, माउस, सिमकार्ड समेत 8 वॉकी-टॉकी, 6 फर्जी रिसीप्ट, ऑल्टो कार, ठगी के 27 हजार रुपये बरामद हुए हैं।