BIG NEWS: तीन गिरोह आपसी तालमेल से करते थे अपराध, पुलिस ने चार को दबोचा
कौन-कौन से गिरोह, किस तरह का करते थे अपराध, कितने लोग हुए गिरफ्तार, क्या है उनकी पहचान
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की थाना फेस-3 की पुलिस ने तीन अलग-अलग ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो आपसी तालमेल से अपराध को अंजाम देते थे। ये गिरोह धमकी, धोखाधड़ी, ठगी एक-दूसरे के सहयोग से करते थे। यही नहीं गिरोह के बदमाश अश्लील विडियो बनाकर संबंधित लोगों को ब्लैकमेल भी करते थे। गिरोह अवैध काल सेंटर भी चलाते थे। फर्जी आईडी बनाकर ओएलएक्स पर भोले-भाले लोगो को ठगने से भी बाज नहीं आते थे। पुलिस ने गिरोह के चार शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। फरार व्यक्ति की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
क्या है मामला
थाना फेस-3 की पुलिस ने आज शुक्रवार को पूर्व पहले से दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 487/2022 भादवि की धारा 420,386,506 के मामले में विष्णु सिंह निवासी सेक्टर 68 गढ़ी चौखण्डी, जगन्नाथ मन्दिर इण्टर नेशनल स्कूल के पास, थाना फेस-3 नोएडा, अब्दुल वहाव गांव बनचौरी थाना डुमरा जिला सीतामढ़ी बिहार वर्तमान पता नवनीत विहार, नुरानी मस्जिद के पास थाना खोडा गाजियाबाद को पुलिस ने हिरासत लेकर पूछताछ की। इस पूछताछ में उनके साथी आरपी पंकज कुमार निवासी ग्राम अलीपुर थाना खुडारे जिला गोण्डा उ0प्र0 वर्तमान पता सफेद मंदिर के पास छिजारसी थाना सेक्टर 63 जिला गौतमबुद्धनगर और अनुराग कुमार सिंह निवासी ग्राम बेरोटा थाना नरहर जिला नवादा बिहार वर्तमान पता बी-119 शौर्य इंकलेव अपोजिट लोहा मण्डी थाना विजय नगर जिला गाजियाबाद को गढ़ी चौखण्डी के पास से गिरफ्तार किया गया।
क्या था अपराध करने का तरीका
आरोपी विष्णु और अब्दुल वहाव एक ओयो होटल में एक प्रेमी युगल की आपत्तिजनक अश्लील विडियो होल्डर कैमरा लगाकर योजनाबद्ध तरीके से बनाकर उन्हें (प्रेमी युगल) को ब्लैकमेल करते थे। यही नहीं अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर मनमाना रुपयों की मांग करते थे। मांगे गए रुपये नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देते थे। आरोपी पकंज ने विष्णु और अब्दुल वहाव रंगदारी की राशि को बैंक खाते में लेने के लिए दूसरे व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड सिम और अकाउण्ट उपलब्ध कराए थे। आरोपी पंकज और उसके साथी सौरभ (जो मौके से फरार है) ने अवैध धन्धों के कारोबार में शामिल लोगों को दूसरे व्यक्तियो के नाम पर रजिस्टर्ड कराए जाने का अपराध किया है। पंकज और सौरभ ने अनुराग को अवैध कॉल सेन्टर चलाने के लिए सिम और बैंक खाता उपलब्ध कराए। इनका प्रयोग अनुराग ने ओएलएक्स पर आई फोन के एड डालकर ग्राहकों को कम दामों पर बेचने का लालच देकर फर्जी कंपनी के आईडी कार्ड बनाकर करीब दो साल से भोले-भाले लोगों से ठगी करता था। ये आठ अवैध रूप से कॉल सेन्टर चला रहे थे। इस तरह इन्होंने भोले-भाले लोगों से करोड़ों रूपयों की ठगी की है।
पूरे देश में फैला है जालसाजी का नेटवर्क
पुलिस को पूछताछ में आरोपियों से पता चला है कि पंकज, सौरभ और अनुराग का पूरे भारत में जालसाजी का नेटवर्क फैला हुआ है। पूछताछ में उनके अन्य साथियो की जानकारी पुलिस ले रही है।
ये थे आरोपियों के कारनामे
विष्णु सिंह खासतौर से प्रेमी युगल के अश्लील विडियो बनाकर ब्लैकमेल करता था। अब्दुल वहाव भी अश्लील विडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का काम करता था। पंकज कुमार भोले भाले लोगों को नौकरी दिलाने के बहाने बैंक खाता खुलवाता था और सिम एक्टीवेट कराकर अवैध धन्धों में संलिप्त लोगों को सिम और बैंक खाता उपलब्ध कराता था। अनुराग कुमार सिंह अवैध काल सेन्टर चलाकर आई फोन ओएलएक्स के माध्यम से अपनी दुबई की कंपनी बताकर सस्ते दामों पर आई फोन बेचने का झाँसा देकर लोगों को ठगता था। वह भोले भाले लोगों से करोडों रूपये की ठगी कर चुका है।
जो पकड़े न जा सके और फरार हैं
सौरभ, इसका पता अभी पुलिस नहीं लगा सकी है। यह भोले-भाले लोगों को नौकरी दिलाने के बहाने बैंक खाता खुलवाने और सिम एक्टिवेट कराकर अवैध धन्धों में लिप्त लोगों को सिम और बैंक खाता उपलब्ध कराने का आरोपी है।
आरोपियों के पास से क्या हुआ बरामद
पुलिस ने आरोपियों के पास 11 लैपटाप, सात सीपीयू, 21 मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों के 22 एटीएम कार्ड, एक पैनकार्ड, एक आधार कार्ड, फर्जी IPRIMAH, IMAGINE 3 , ISTYLEAPPLE PVT. LTD –IPLANET- 6 , FUTURE WORLD -8, SWAREH, SHIPPING PVT. LTD –2, BLUE DART -1, कुल 49 आईडी कार्ड, विभिन्न कंपनियों के सिमकार्ड-26, फर्जी रसीद आर्डर खाली लगभग 100 , फर्जी रसीद आर्डर भरे हुए–5, एक वाईफाई डिवाइस, एक मॉडम, बारकोड लगे हुए तीन डब्बे गत्ते के बरामद हुए हैं।