Bihar : डोमिसाइल नीति लागू करो ! पटना की सड़कों पर उतरे छात्र

नोएडा: पटना में गुरुवार, 5 जून 2025 को छात्र संगठनों ने बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया।
छात्रों ने पटना कॉलेज से मार्च निकालकर गांधी मैदान की ओर कूच किया, लेकिन उन्हें जेपी गोलंबर पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया।
सीएम हाउस की ओर मार्च करने की कोशिश
प्रदर्शन कर रहे छात्रों के हाथों में बैनर और पोस्टर थे और वे सभी मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
छात्रों का कहना है कि बिहार की नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में आरक्षण का लाभ सिर्फ बिहार के मूल निवासियों (Domicile) को मिलना चाहिए।
छात्रों की प्रमुख मांग: 90% आरक्षण बिहारवासियों को मिले
छात्रों ने स्पष्ट मांग रखी कि बिहार में कम से कम 90% सीटें बिहार के डोमिसाइल छात्रों के लिए आरक्षित की जाएं। उनका कहना है कि झारखंड और उत्तर प्रदेश में पहले से ही डोमिसाइल नीति लागू है, जिससे वहां के स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिलती है। वहीं बिहार में बाहरी राज्यों के युवा आकर सरकारी नौकरियों में चयनित हो रहे हैं।
दूसरे राज्यों के शिक्षक, भाषा और स्थानीय ज्ञान की कमी
छात्र नेता दिलीप कुमार ने आरोप लगाया कि तीन चरणों की शिक्षक बहाली प्रक्रिया में बड़ी संख्या में झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से शिक्षक बहाल हुए हैं, जिनमें से कई को न तो हिंदी ठीक से आती है और न ही उन्हें बिहार की संस्कृति और भूगोल की जानकारी है। ऐसे में वे बच्चों को कैसे प्रभावी ढंग से पढ़ा पाएंगे।
बिहार-विशेष प्रश्नपत्र अनिवार्य करने की मांग
दिलीप कुमार ने एक और सुझाव दिया कि शिक्षक बहाली की परीक्षा में बिहार से संबंधित 100 अंकों का एक अलग प्रश्नपत्र अनिवार्य किया जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि चयनित शिक्षक बिहार के इतिहास, भूगोल, संस्कृति और समाज की अच्छी समझ रखते हों, जिससे बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
निष्कर्ष
छात्र संगठनों की मांग है कि बिहार में भी स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाए, जैसे कि पड़ोसी राज्यों में हो रहा है। डोमिसाइल नीति लागू कर राज्य के युवाओं को रोजगार और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिले — यह आज की जरूरत बनती जा रही है।