बिजनौर के सांसद मलूक नागर हाथी का साथ छोड़ आरएलडी में हुए शामिल, मायावती को पत्र लिखकर यह दर्द किया बंया
यूपी: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर से लोकसभा सांसद मलूक नागर ने मायावती का साथ छोड़ आरएलडी का दामन थाम लिया है। गुरुवार को आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। मलूक नागर ने बसपा से इस्तीफा गुरुवार सुबह दिया था। सांसद ने बसपा प्रमुख को एक पत्र लिखकर दर्द बयां करते हुए कहा कि पार्टी ने बिजनौर सीट से उनका टिकट काट दिया।
मलूक नागर ने कहा कि पिछले 39 सालों में पहली बार ऐसा हो रहा है कि मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं, लेकिन मैं देश के लिए काम करना चाहता हूं, इसलिए आज मैंने बसपा छोड़ने का फैसला किया है। यह एक सोचा-समझा फैसला है। आरएलडी के जयंत चौधरी ने कहा कि मलूक नागर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे और क्षेत्र में राजग को मजबूत करेंगे। आरएलडी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा है। आरएलडी ने बिजनौर से चंदन चौहान को मैदान में उतारा है, जो भाजपा के साथ सीट बंटवारे के तहत पार्टी को आवंटित की गई थी।
सांसद ने बसपा प्रमुख मायावती के नाम एक अन्य पत्र में लिखा, ”हमारे परिवार में करीब पिछले 39 वर्षों से लगातार कांग्रेस व बसपा द्वारा कई बार ब्लॉक प्रमुख व कई बार चेयरमैन जिला परिषद/अध्यक्ष जिला पंचायत व कई बार विधायक (M.L.A/M.L.C) व उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री व देश में सांसद लगातार रहते आ रहे हैं, इस करीब 39 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ कि हम विधायक भी नहीं लड़ पाए और सांसद भी नहीं लड़ पाए।
सांसद ने आगे लिखा, ”हमने दिसंबंर 2006 में आपके आशीर्वाद से बसपा पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी, आपके आशीर्वाद से हम कई पदों पर रहे, इसके लिए हम हमेशा आपके आभारी रहेंगे, हमारे परिवार की राजनीतिक हैसियत और सामाजिक हैसियत या देश स्तर पर पहचान वाला कोई भी व्यक्ति नहीं जो हमारे जितना लंबा समय के लिए बसपा पार्टी में रहा हो, उसे कुछ सालों में बसपा पार्टी द्वारा निकाल दिया गया या वह खुद बसपा पार्टी छोड़कर चला जाता है। मैं दावे से कह सकता हूं कि बसपा पार्टी में मैंव मेरे परिवार को इतने लंबे समय तक कई बार उतार-चढाव देखने के बाद भी बसपा पार्टी में ही रहे।”