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नकली नोट का काला धंधाः नोएडा से लखनऊ तक फैला है नकली नोटों का काला कारोबार, पुलिस ने फिर एक को दबोचा

पांच लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है, पकड़े गए आरोपी से 500-500 रूपये 17 नकली नोट बरामद

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर जाली नोटों का काला धंधा अभी रुका नहीं है। नकली नोटों का यह काला धंधा नोएडा से लेकर लखनऊ तक फैला हुआ है। जाली नोटों के काले धंधे में लिप्त पांच लोगों को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज चुकी है। आज मंगलवार को इसी काले धंधे में लिप्त एक और व्यक्ति को थाना सेक्टर-24 नोएडा की पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। उसके पास से भारतीय करेंसी 8,500 रूपये के नकली नोट बरामद हुए हैं।

कौन है पकड़ा गया आरोपी

पुलिस ने भारती करेंसी नकली रुपयों के काले धंधे में लिप्त जिस व्यक्ति को आज मंगलवार को गिरफ्तार किया है उसकी पहचान मोबिन खान निवासी 536/2/97 बड़ी पकड़िया, सीतापुर रोड, खदरा, थाना मदेयगंज, लखनऊ के रूप में हुई है। वह करीब 23 वर्ष का वर्ष है। इसके पास जो नकली रुपये बरामद हुए हैं वे पांच-पांच सौ रुपये के 17 नोट हैं।

पहले पांच को जेल भेज चुकी है पुलिस

भारतीय नोटों के काले धंधे में लिप्त होने के आरोप में थाना सेक्टर-24 नोएडा की पुलिस इसी 11 अप्रैल को फैज खान उर्फ नवाब, आयुष गुप्ता, शिबू खान, आदित्य गुप्ता और हरिओम अत्री को मोरना बस स्टैंड सेक्टर-35 नोएडा के पास से 6 लाख 48 हजार भारतीय नकली मुद्रा रुपये के साथ गिरफ्तार कर जेल चुकी है। इस मामले में थाना सेक्टर-24 पर भादवि की धारा 420/489बी/489सी/489ई के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।

कैसे पकड़ा गया मोबिन

पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस टीम, मैनुअल इंटेलीजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर उपरोक्त मुकदमे में फरार चल रहे मोबिन खान को आज मंगलवार को थाना सेक्टर-24 पुलिस ने न्यायालय सूरजपुर के सामने परी चौक की ओर जाने वाले रास्ते से गिरफ्तार कर लिया।

कैसे अपराध को अंजाम देता था

मोबिन खान ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि फैज खान उर्फ नवाब उसी के मोहल्ले का रहने वाला है वह नकली भारतीय मुद्रा का कारोबार कुवैत मे रहते हुए ही मोबाइल फोन से करता था। करीब तीन माह पहले फैज खान उर्फ नवाब ने उससे फोन कर कहा कि वह उसे फोन करके बताएगा।

बिहार के छपरा से भी कनेक्शन

इसके बाद मोबिन खान छपरा (बिहार) जाकर सिंघानिया नाम के व्यक्ति से नकली भारतीय मुद्रा ले आए और जिसे वह बताएगा उसके सुपुर्द कर देना। उस इस काम के लिए अच्छा-खासा कमीशन मिलेगा। मोबिन पिछले करीब तीन महीने से यह काम कर रहा था। इस दौरान वह चार-पांच छपरा बिहार जाकर सिंघानिया से करीब 6 लाख रूपये नकली भारतीय मुद्रा लेकर आया। जिसे उसने फैज खान के बताए व्यक्तियों को दे दिया था। सिंघानिया ही उसे  500-500 रूपये के फर्जी नोट देता था। फैज खान उर्फ नवाब के कुवैत से आने के बाद वह और उसका भाई शिबू खान दोनों मिलकर फैज खान के लिए नकली भारतीय मुद्रा को सप्लाई करने का काम कर रहे थे। बीच-बीच में वे दोनों भाई खुद भी नकली भारतीय मुद्रा को बाजार मे चला देते थे।

भाई की जमानत के लिए आया था नोएडा

मोबिन ने पुलिस को बताया कि 11 अप्रैल को नोएडा सेक्टर 24 की पुलिस ने शिबू खान व फैज खान उर्फ नवाब को उनके साथियों के साथ नकली भारतीय मुद्रा के साथ गिरफ्तार कर लिया था। वह अपने भाई शिबू खान की जमानत के मामले में बात करने के लिए नोएडा आया था। उसके पास रूपये कम थे। तब वह अपने पास पहले से रखे हुए 15 हजार रूपये के नकली नोट को लेकर आया था। इनमें से बाकी नकली नोट उससे खर्च हो हैं। शेष 8,500 रूपये शेष बचे थे।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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