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टूटा विवाहः परिवहन मंत्री का अपनी पत्नी से तलाक, पारिवारिक अदालत ने दी मंजूरी

पत्नी भी योगी के पहले शासनकाल में रह चुकी हैं मंत्री, लखनऊ कैंट से लड़ी थीं चुनाव, इस बार नहीं मिला था टिकट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह का अपनी पत्नी स्वाति सिंह से तलाक हो गया है। यहां की पारिवारिक न्यायालय ने तलाक की मंजूरी दे दी। दोनों ने करीब 22 साल पहले दोनों के रिश्ते की नींव प्यार के आधार  हुई थी। दोनों का विवाह 18 मार्च 2001 को हुआ था। बीते महीने की 28 मार्च को लखनऊ की पारिवारिक अदालत के अपर मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र नाथ सिंह दोनों के विवाह को समाप्त होने का फैसला दिया था।

वर्षों से पति व पत्नी अलग रहे थे

दयाशंकर सिंह और उनकी पत्नी काफी वर्षों से अलग-अलग रह रहे थे। स्वाति सिंह योगी आदित्यनाथ के पहले वर्ष 2014 के शासनकाल में लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनीं थी और योगी मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री का ओहदा संभाला था। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने स्वाति सिंह को टिकट नहीं दिया था। उनके स्थान पर उनके पति दयाशंकर सिंह को टिकट दिया था। दयाशंकर चुनाव जीते और विधायक भी बने। उन्होंने योगी राज के दूसरे कार्यकाल में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का ओहदा संभाला और तभी से परिवहन मंत्रालय का प्रभार बखूबी संभाल रहे हैं।

स्वाति सिंह तलाक केस दायर किया था

पूर्व मंत्री स्वाति सिंह ने वर्ष 2012 में दयाशंकर सिंह से तलाक के लिए लखनऊ के पारिवारिक न्यायालय में मुकदमा दायर किया था। अदालत ने तलाक के इस मुकदमें को विचार के लिए स्वीकार स्वीकार कर लिया था और दयाशंकर सिंह को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था।

काफी चर्चा में रहीं

स्वाति सिंह उस समय काफी चर्चा में आई जब बसपा के तत्कालीन महासचिव एवं पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने उनकी नाबालिग बेटी के खिलाफ अपशब्द कहे थे। तब यह मामला काफी चर्चित हुआ था और बड़ा राजनैतिक रुक अख्तियार कर लिया था। तब स्वाति सिंह काफी चर्चा में रहीं। उस समय विभिन्न राजनीतिक दलों ने नसीमुद्दीन सिद्दी की काफी भरसना की थी। तब सिद्दीकी बैकफुट पर चले गए थे। सिद्दीकी अब बसपा छोड़ चुके हैं और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो चुके हैं और पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण ओहदा संभाल रहे हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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