नोएडा अथॉरिटी में मुआवजा वितरण में हुए कथित फर्जीवाड़े का मामला, SC ने पिछले 15 साल में बड़े जमीन अधिग्रहण में जांच के दिए आदेश
Breaking News : सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण में में मुआवजा वितरण में हुए कथित फर्जीवाड़े की जांच का आदेश दिया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि नोएडा अथॉरिटी द्वारा पिछले 10 से 15 साल में जितने बड़े जमीन अधिग्रहण को लेकर मुआवजा वितरण किया गया है, उसकी जांच की जाए। कोर्ट ने चार हफ्ते में जांच रिपोर्ट दायर करने को कहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी।
कोर्ट ने जांच के दिए आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट पर असंतोष जाहिर किया है। साथ ही यूपी सरकार को उनके द्वारा बनाई गई कमेटी से मुआवजा वितरण में हुए कथित फर्जीवाड़े की गंभीरता से जांच करने के कोर्ट ने लिए कहा। कोर्ट ने कमेटी को कहा कि मुआवजा वितरण में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा हुआ है तो नोएडा प्राधिकरण द्वारा की गई विभागीय जांच में कोई अधिकारी शामिल पाया जाता है तो उसकी भी रिपोर्ट दाखिल की जाए।
फर्जीवाड़े में कोर्ट की टिप्पणी
नोएडा प्राधिकरण में हुए मुआवजा वितरण में फर्जीवाड़े से जुड़े जमानत के एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा था कि नोएडा अथॉरिटी के एक-दो अफसर इस फर्ज़ीवाड़े में शामिल नहीं हैं बल्कि प्राधिकरण का पूरा सेटअप इसमें मिला हुआ है। सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें पता लगा कि कानून में किसी भी अधिकार के बिना भूमि मालिकों को नोएडा प्राधिकरण ने मुआवजा दिया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। नोएडा के दो अधिकारियों और एक भूमि मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इनपर 7 करोड़ रुपये से ज्यादा मुआवजा बिना किसी अधिकार के गलत तरीके से भुगतान करने का आरोप है।