कैट का सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध आदेश को विकल्प मिलने तक टालने का आग्रह
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेश यादव मंत्री को भेजा पत्र, मिलने का समय भी मांगा
नोएडा। पहली जुलाई से लागू होने वाले सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध एक व्यावहारिक कदम है। पर्यावरण सुरक्षा के लिए यह बहुत जरूरी है, लेकिन समान एवं उचित विकल्पों के अभाव में यह प्रतिबन्ध उद्योग एवं व्यापार पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। देश का कारोबारी समुदाय इस गंभीर मुद्दे पर सरकार के साथ है। लेकिन साथ ही यह भी मानता है कि प्लास्टिक के सिंगल यूज के स्थान पर समान विकल्प मुहैया कराने के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की गई है।
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के दिल्ली एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के संयोजक एवं अध्यक्ष नोएडा सेक्टर-18 मार्किट एसोसिएशन सुशील कुमार जैन ने उपरोक्त बातें कही। उन्होंने आज बताया कि कैट ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को भेजे एक पत्र में कहा है कि पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के बड़े पैमाने पर उपयोग को देखते हुए बिना विकल्प के पूर्ण प्रतिबंध व्यापार और उद्योग के लिए बहुत हानिकारक साबित होगा।
उन्होंने बताया कि कैट ने श्री यादव को भेजे पत्र में कहा कि समकक्ष विकल्पों की अनुपलब्धता को देखते हुए इस प्रतिबंध को लागू करना कुछ उचित समय के लिए स्थगित किया जाए। इस बीच सरकार विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ सलाह कर समान विकल्प की उपलब्धता को विकसित करे। जिससे वैकल्पिक वस्तु के उपयोग के बाद भी कीमतों में इजाफा न हो। कैट ने सुझाव दिया कि इस आदेश को लागू करने के लिए एक समय सीमा तैयार करने और समकक्ष विकल्पों का पता लगाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और स्टेकहोल्डर्स की एक टास्क फोर्स का गठित किया जाए। कैट ने देश के कारोबारी समुदाय के समर्थन का आश्वासन देते हुए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर श्री यादव से मिलने का समय मांगा है।
श्री सुशील कुमार जैन ने बताया कि कैट ने कहा कि चूंकि व्यापारी उपभोक्ताओं और जनता के लिए पहला संपर्क बिंदु हैं, इसलिए इस आदेश का विपरीत असर सीधा सबसे पहले उन पर पड़ेगा जबकि उत्पाद बेचने वाले व्यापारी केवल आपूर्ति श्रृंखला के एक घटक के रूप में काम कर रहे हैं और जनता को सामान उपलब्ध करा रहे हैं। जिसके लिए चीजें उपलब्ध हैं। देश में सिंगल यूज प्लास्टिक का 98 प्रतिशत बहुराष्ट्रीय कंपनियों, कॉर्पोरेट निर्माताओं, उत्पादकों, ई-कॉमर्स कंपनियों, वेयरहाउसिंग हब, उद्योग और अन्य प्रकार की उत्पादन इकाइयों द्वारा या तो अपनी उत्पादन लाइन या तैयार माल की पैकेजिंग में उपयोग किया जाता है। निर्माता या उत्पत्ति के स्रोत से व्यापारियों को जो भी पैकिंग मिलती है, उसी में व्यापारियों द्वारा सामान बेचा जाता है । जब तक इन कंपनियों और विनिर्माण इकाइयों द्वारा उत्पादन लाइन में या तैयार माल की पैकिंग में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को बंद नहीं किया जाता तब तक उपभोक्ता के स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग की संभावनाएं बनी रहेंगी । इसलिए ऐसे निर्माताओं को सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने के लिए बाध्य करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए। इसी तरह प्लास्टिक कैरी बैग के स्थान पर समकक्ष वैकल्पिक कैरी बैग भी उपलब्ध कराए जाएँ ताकि प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग सामान रखने के लिए नहीं किया जा सके।
उन्होंने कहा कि देश भर में दसियों हज़ार उद्योग और उत्पादन इकाइयाँ प्लास्टिक के व्यापार में लगी हुई हैं। जिससे देश में करोड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक के बंद होने की स्थिति में उनकी व्यावसायिक गतिविधियां समाप्त हो जाएंगी। जिसके परिणामस्वरूप इन कंपनियों में काम करने वाले ऐसे सभी लोगों की बेरोजगारी भी हो सकती है। इस संदर्भ में सरकार को कुछ व्यवहार्य विकल्प तलाशने चाहिए ताकि ये उद्योग और प्रोडक्शन हाउस अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को ऐसे व्यवहार्य विकल्पों की ओर मोड़ सकें और रोजगार में बाधा न आए।
उन्होंने कहा कि यह एक सच्चाई है कि यदि एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग उत्पादन अथवा पैकिंग में नहीं किया जाता है। बल्कि वैकल्पिक पैकेजिंग में पैक किया जाता है। तो एकल का उपयोग प्लास्टिक के उपयोग में भारी कमी आएगी । क्योंकि आपूर्ति श्रृंखला के व्यापारी वैकल्पिक पैकेजिंग में उपभोक्ताओं को सामान पहुंचाएंगे। हालांकि, वैकल्पिक उत्पादों की जागरूकता और उपलब्धता दो मुख्य मुद्दे हैं जिन पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है।