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ग्रेनो प्राधिकरण के एसीईओ व अफसरों को सीईओ एनजी रवि की फटकार, “धन के लालच में क्यों देश को बर्बादी की ओर धकेल रहे हो”…

पहली किस्त : हिंडन के डूब क्षेत्र में किसानों की अरबों रुपये मूल्य की भूमि पर अवैध कब्जा

ग्रेटर नोएडा (FBNews) : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ स्तर के शीर्ष अफसरों, प्रशासन और पुलिस के नापाक गठजोड़ से हिंडन-यमुना के डूब क्षेत्र में किसानों की अरबों रुपये मूल्य की भूमि पर कब्जा करके भूमाफिया अवैध कालोनियों बसा रहे हैं। भूमाफिया को राजनीतिक संरक्षण हासिल है। बिसरख जलालपुर के किसानों ने जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायत मंगलवार को प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि से की। इस पर सीईओ ने एक एसीईओ समेत वर्क सर्कल-3 के अफसरों को बुरी तरह लताड़ा और किसानों की मौजूदगी में सख्त टिप्पणी कि, ‘गैरकानूनी ढंग से पैसा कमाने वालों को आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी, क्यों तुम देश को बर्बादी की ओर धकेल रहे हो?
डूब क्षेत्र में बसाई जा रही हैं अवैध कालोनियां
बिसरख जलालपुर के हरिसिंह पुत्र केसरी, बलराज सिंह, राकेश कुमार, नबाव सिंह, रवि, लोकेश आदि दर्जनभर किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि से मिले और उन्हें पत्र देकर उनकी जमीन पर किए जा रहे अवैध कब्जे को हटाने की मांग की और कहा कि प्राधिकरण के अफसरों की मिलीभगत से उनकी कृषि भूमि पर अवैध कब्जे करके भूमाफिया गैरकानूनी ढंग से प्लॉट काटकर कालोनियां बसा रहे हैं। इस पर सीईओ एनजी रवि ने एसीईए परियोजना सुशील कुमार, महाप्रबंधक नरोत्तम सिंह और वर्कल सर्कल तीन के वरिष्ठ प्रबंधक, सहायक प्रबंधक को बुरी तरह फटकारा और किसानों की मौजूदगी में उनपर सख्त टिप्पणी करके हुए तत्काल कारवाई के आदेश दिए। इसके बाद मंगलवार की देर रात आनन-फानन अफसरों का दल मौके पर पहुंचा। आरोप है कि इतनी फटकार के बाद भी अफसरों ने मौके पर पहुंचकर खानापूर्ति की और वापस लौट आए।


भूमाफिया की प्राधिकरण अफसरों से मिलीभगत
किसानों का कहना था कि दादरी तहसील के बिसरख जलालपुर गांव की डूब क्षेत्र में आने वाली जमीन के खसरा नंबर 332, 322, 323, 319, 331, 300/1, 303, 304, 305, 320, 300, 325 और 190 की वास्तविक डिजिटल पैमाइश और सीमांकन कराया जाए। यहां कृषि भूमि है और सभी खेत हिंडन के डूब क्षेत्र में आते हैं। लेकिन खेतों का वास्तविक सीमांकन नहीं होने से काश्तकार का वास्तविक कब्जा नहीं है। ऐसे में भूमाफिया प्राधिकरण के अफसरों और पुलिस की साठगांठ से डूब क्षेत्र में कालोनियां काटकर लोगों को गुमराह करके प्लाट काट रहे हैं और कालोनियां बसा रहे हैं। इन किसानों का आरोप है कि भूमाफिया हिंड़न पार के खेतों की रजिस्ट्रार दफ्तर से गलत दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री कराते हैं और अफसर उनके खेतों की भूमि पर कब्जा करा देते हैं। इस क्षेत्र में भूमाफिया बलराज पुत्र रिसाल, बृजेश पुत्र बलराज, राजकुमार पुत्र फूल सिंह, निवासी बिसरख, कुलदीप यादव पुत्र ऐवल यादव निवासी ग्राम बहलोलपुर, अरूण पुत्र गजराज, अनिल पुत्र होराम ग्राम दनकौर ने खेतों की भूमि पर रजिस्ट्री कराकर कालोनी काटी जा रही हैं।
किसानों की मांग कृषि भूमि पर लगे स्टे
किसानों ने ऑन कैमरा प्राधिकरण अफसरों और थाना फेस-2 पुलिस पर भूमाफिया से साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह अपनी पैतृक भूमि को बचाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ेंगे और यदि न्याय नहीं मिला तो इन्हीं खेतों के पास सामूहिक आत्मदाह के लिए मजबूर जो जाएंगे। किसानों ने इन कृषि भूमि का डिजिटल सर्वे और सीमांकन कराने की मांग करते हुए प्राधिकरण के सीईओ से किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है।0
क्या हैं डूब क्षेत्र के लिए दिशा-निर्देश
♦ साल 2020 में, डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोकने के लिए कृषि ज़मीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई थी।
♦ जुलाई 2024 में, रजिस्ट्री के लिए एडीएम के पास आवेदन करना ज़रूरी कर दिया गया।
♦ एडीएम स्तर पर प्राधिकरण से रिपोर्ट मांगी जाती है। 30 दिनों के अंदर रिपोर्ट न आने पर आवेदन को निरस्त कर दिया जाता है।
♦ अगर स्वीकृति मिलती है, तो तहसील और सिंचाई विभाग द्वारा उसका सत्यापन किया जाता है।
♦ डूब क्षेत्र में होने वाले किसी भी अवैध निर्माण पर कड़ी नज़र रखने के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
♦ किसी भी संदिग्ध प्रॉपर्टी डील की सूचना तुरंत स्थानीय अधिकारियों को देनी चाहिए।
♦ प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उसकी वैधता की पूरी जांच कर लेनी चाहिए।

अवैध बिल्डर के झांसे में न आएः एनजी रवि
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि ने लोगों से अपील की है कि कालोनाइज़र के झांसे में न आएं और अवैध भूमि पर जमीन की खरीद-फरोख्त से बचें। ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को अवैध निर्माण करने की इजाज़त नहीं है।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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