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चुनावी नतीजे आने के बाद भड़क रही हिंसा की आग,हार जीत के बीच हो रही है तू- तू, मैं- मैं

हिंसा का बदला विरोध प्रदर्शन ही क्यों,कोई और सही विकल्प क्यों नहीं चुनती सरकार

लखनऊ: 2 मई को पश्चिम बंगाल व यूपी में चुनावी नतीजे आने के बाद चारों तरफ हिंसा की आग भड़कने लगी। एक तरफ बंगाल में ममता बनर्जी के जीत के तुरंत बाद नशे में धुत TMC कार्यकर्ताओं ने बीजेपी पर हमला बोला। बीजेपी का आरोप है कि दो ही दिन में उनके नौ कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई । दूसरी तरफ यूपी ग्राम पंचायत में पंचायत के उम्मीदवारों की हार जीत के बीच में तू- तू, मैं- मैं होते देखा जा रहा है।। इसी कड़ी में बंगाल में हुए हिंसा की जवाबदेही में कल यानी 5 मई को बीजीपी ने पुरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

चंद पैसों का लालच बदल देता है जनता के मत को
देश में चुनावी उम्मीदवारों की जीत उनकी मेहनत और ईमानदारी पर नहीं बल्कि बेईमानी और चापलूसी के आधार पर होती है। कई वर्षों से देखा जा रहा है कि जनता मात्र कुछ पैसों‌ की लालच में आकर ‌अपने सही उम्मीदवार को अपना वोट ना देकर बेईमान और चापलूस उम्मीदवार को अपना मुखिया चुन लेती है। जिसका परिणाम नकारात्मक होता है। लेकिन जीती हुई पार्टी खुशी में इतना बौखला जाती है कि उसे याद तक नहीं रहता कि आखिर वह क्या कर रही है। नेताओं को अपनी जीत की खुशी कम और विपक्षी पार्टी को हराने की खुशी ज्यादा होती है। यही काम टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने किया। जिसकी वजह से बीजेपी के 9 कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया व अन्य कई लोग घायल हो गए। इस नाराजगी का जवाब देने के लिए 5 मई को बीजेपी ममता सरकार के खिलाफ पूरे देश में धरना प्रदर्शन करने जा रही है ,जो कहीं ना कहीं गलत है। हिंसा का बदला धरना प्रदर्शन ही क्यों अन्य तरीके भी तो बीजेपी पार्टी निकाल सकती है। जब बीजेपी खुद को एक संस्कारी पार्टी के तौर पर देश के सामने प्रदर्शित करती है तो फिर वह हिंसा को और भड़काने की तैयारी में क्यों लगी है। जो सरकार हमेशा कोरोनावायरस के खिलाफ जंग लड़ने और उसे हराने के लिए लोगों से घर पर रहने की अपील करती है ,आज वही सरकार देशभर में धरना प्रदर्शन की तैयारी कर रही है। इस धरना प्रदर्शन से लोगों की जान को कितना खतरा हो सकता है,इसका कोई अंदाजा लगाया जा सकता है. लेकिन इसके बावजूद भी लोगों की जान जोखिम में डालने का प्रयास किया जा रहा है। नौ कार्यकर्ताओं की जान जाने के बाद बीजेपी धरना प्रदर्शन करने की तैयारी में है लेकिन अगर कोई बीजेपी भक्त कोरोना संक्रमित पाया गया या उसकी जान का खतरा हुआ तो इसका जिम्मेदार बीजेपी किसको मानेगी किसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेगी ?

 

JP Nadda करेंगे मृतकों के परिवारों से मुलाक़ात
देश में आए दिन किसी ना किसी मुद्दे को देश में उठाया जाता है उसके खिलाफ धरना प्रदर्शन पार्टियों के द्वारा किया जाता है जो बेहद गलत है। हर मुद्दे पर धरना प्रदर्शन, जिसमें मारपीट ,गाली -गलौज और कई लोगों की जाने जाती हैं। फिर खुद को संस्कारी कहने और जनता का शुभचिंतक बताने वाली BJP धरना प्रदर्शन का रास्ता क्यों अपना रही है? बता दें कि पहले भी कई बार बीजेपी कार्यकर्ताओं के द्वारा टीएमसी पर आरोप लगाया गया कि, बीजेपी कार्यकर्ताओं पर बार -बार हमला किया गया और कई लोगों की हत्या कर दी गई। लेकिन कभी भी न तो इस तरह से धरना प्रदर्शन की बात की गई और न ही किसी तरह की FIR की गई। बीजीपी अध्यक्ष JP Nadda 5 मई से कोलकता में दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे जहां वह मारे गए कार्यकर्ताओं के परिवारों से मिलेंगे। कल ही ममता बनर्जी मुख्यमंत्री की सपथ भी लेंगी। इतना बड़ा ख़ाका तो पहली बार ही शायद तैयार किया होगा। इससे पहले क्या बीजीपी पूरी परिपक्व नहीं थी या फिर लोगों के मरने और नुकसान पर कोई दुःख व पछतावा ही नहीं हुआ। जो मृतक के परिवारों के प्रति इससे पहले न तो सवेंदना जागी और न ही किसी तरह का ठोस कदम उठाया गया । लेकिन आज हिंसा की आड़ में अपनी भड़ास जरूर निकलना चाहते हैं।

मधुमिता वर्मा

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