ठगीः बकायदा कंपनी बनाकर लोगों को ठगते थे, पुलिस ने पति व पत्नी को किया गिरफ्तार, कई राज्यों में फैला था जाल
चार महीनों में चार गुना राशि करने का लालच देकर अपनी कंपनी में निवेश कराते थे रकम, लाखों की लक्जरी गाड़ियों में चलते थे
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना सेक्टर 63 नोएडा की पुलिस ने मार्केटिंग कम्पनी बनाकर करोड़ो रुपयों की ठगी करने के आरोप में एक दंपत्ति को गिरफ्तार किया। उनके पास से करीब 40 लाख रुपये अनुमानित कीमत की दो लक्जरी गाडियां टाटा हैक्सा तथा स्कोडा कूसेक बरामद की गई हैं। वे लोगों को चार महीने में ही उनके धन को गुना करने का हसीन सपना दिखाकर अपनी कंपन में निवेश कराते थे। वे रकम को कभी वापस ही करते थे।
कौन हैं पति-पत्नी
पुलिस प्रवक्ता से मिली जानकारी के अनुमार आज सोमवार को थाना सेक्टर 63 पुलिस ने भादवि की धारा 420/409/323/506 के तहत दर्ज मामलों में मार्केटिंग कम्पनी बनाकर करोड़ों रुपयों की ठगी करने के आरोप में विजय किशन जयसवाल उर्फ कृष्ण कुमार जयसवाल निवासी बी-073 गुलशन इकेवाना सोसायटी सेक्टर 143 नोएडा गौतमबुद्धनगर और उसकी पत्नी रश्मि जयसवाल को एफएनजी रोड अण्डरपास बहलोलपुर गौतमबुद्धनगर से गिरफ्तार कर लिया।
क्या है मामला
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि विजय किशन उर्फ कृष्ण कुमार जयसवाल व रश्मि जयसवाल ने पुलिस की पूछताछ में बताया उन्होंने भारत के अलग-अलग राज्यों एवं शहरों जैसे गोवा, दिल्ली, बरेली और नोएडा में यूडिवो मार्केटिंग प्रा0 लि0 कम्पनी बनाकर भोले-भाले लोगों से आईडी बनाने के लिए 11 हजार रुपये लेकर तथा उन्हें चार माह बाद 44 हजार रुपये देने के नाम पर व सुनहरे भविष्य तथा जल्दी अमीर बनने के सपने दिखाकर कम्पनी में पैसा लगवाकर बोनस तथा अन्य लुभावने ऑफर देकर धोखाधड़ी करते थे। अब तक वे सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। उनकी कंपनी में जमा धनराशि की जब वापसी नहीं हुई तो लोगों ने विभिन्न स्थानों से पुलिस से शिकायत की। पुलिस जांच में मामले का खुलासा हो गया।
विभिन्न राज्यों में दर्ज हैं केस
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ
थाना सेक्टर 63 नोएडा, दिल्ली, गोवा, बरेली, उप्र के विभिन्न जिलों के विभिन्न थानों में धोखाधड़ी, ठगी, प्राइज चिट एण्ड मनी सर्कूलेशन स्कीम (बैनिंग) एक्ट 1978, दि गोवा प्रोटेक्शन ऑफ इट्रैक्ट ऑफ डिपौजिटर (फाईनैसंल स्टैवलिस ) एक्ट 1999 व प्राइज चिट एण्ड मनी सर्कूलेशन स्कीम (बैनिंग) एक्ट 1978 में अनेक मुकदमें दर्ज हैं।