उच्चस्तरीय टीम को मुख्यमंत्री ने दिए दिशा-निर्देश
स्थानीय निकाय अपनी आय बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार करें
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में गठित उच्चस्तरीय टीम-9 को कई दिशा-निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने ये दिशा निर्देश कोरोना के बढ़ते मामलों सहित अन्य परिस्थियों के मद्देनजर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि बीते एक सप्ताह से कोविड के नए केस में बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि उत्तर प्रदेश में पॉजिटिविटी दर न्यूनतम है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 3257 है। विगत 24 घंटों में 91 हजार से अधिक टेस्ट किए गए और 682 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 352 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। 3082 लोग घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। यह समय सतर्क और सावधान रहने का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की बदलती परिस्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखें। सभी अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता, डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित उपलब्धता की गहनता से परख कर हो। आवश्यक दवाओं के साथ मेडिसिन किट तैयार कराएं। सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से आम लोगों को जागरूक किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण अभियान की प्रगति संतोषप्रद है। 33 करोड़ 73 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण के साथ ही 18+ आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है। 96 प्रतिशत से अधिक वयस्कों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15-17 आयु वर्ग के 99.27 प्रतिशत किशोरों और 12 से 14 आयु वर्ग के 94.55 प्रतिशत से अधिक बच्चों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। 18+ आयु के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने में तेजी की अपेक्षा है। बच्चों को दूसरी डोज समय से दी जाए।
उन्होंने कहा कि संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पहली जुलाई से प्रदेशव्यापी अभियान शुरू हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, फॉगिंग सैनिटाइजेशन के संबंध में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। अभियान के क्रियान्वयन के लिए जरूरी तैयारियां कर ली जाएं। जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हर जिले में पोटेंशियल है। इस क्षमता का लाभ उठाने के लिए नियोजित प्रयास आवश्यक है। अपनी आय वृद्धि की नियमित समीक्षा करते हुए प्रत्येक जिले और नगरीय निकाय अपनी जीडीपी को बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार करें। नगरीय निकायों को वित्तीय आत्मनिर्भरता के लिए ठोस प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के बदले औद्योगिक माहौल को देखते हुए बड़ी संख्या में देश-दुनिया के उद्यमी उत्तर प्रदेश में निवेश कर रहे हैं। उद्योग जगत की जरूरतों के मुताबिक नई औद्योगिक नीति, नई इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल नीति और बेहतर वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक नीति तैयार की जाए। आवश्यकतानुसार संशोधित या नई नीतियों को तैयार करते समय उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से भी परामर्श करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बाद प्रदेश को अतिशीघ्र बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उपहार मिलने जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड में ‘विकास की लाइफलाइन’के रूप में प्रतिष्ठित होगी। इस एक्सप्रेस-वे के अवशेष कार्यों को अगले 10 दिनों में पूरा करा लिया जाए। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू करा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि बरसात के दृष्टिगत नालों की सफाई कराएं। सिल्ट जमा न हो, ताकि बारिश में जलभराव न हो। अमृत योजना के तहत अब तक हुए कार्यों की गहनता से समीक्षा की जाए। शहरों को स्वच्छ करने के साथ ही सुंदर बनाने का भी प्रयास करें। जनसहभागिता और जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से चौराहों का सुंदरीकरण कराया जा सकता है। हमें ऊर्जा संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। यह सुनिश्चित कराएं कि स्ट्रीट लाइट समय से ऑन हों और समय से बंद कर दिए जाएं।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्थापित करने के इच्छुक संस्थाओं के आवेदन अनावश्यक लंबित नहीं रखें। आवेदनों पर समयबद्ध ढंग से निर्णय लिया जाना चाहिए। स्थापना संबंधी नियमों और अर्हताओं को यथासंभव सरल भी किया गया है। इसका लाभ प्रदेश को मिलना चाहिए। अब तक लंबित ऐसे सभी आवेदनों की मुख्य सचिव द्वारा समीक्षा कर मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
उन्होंने कहा कि फार्मेसी काउंसिल द्वारा दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। सत्यापन में विलंब के कारण किसी का हित प्रभावित न हो। अभ्यर्थियों को सरलता हो, इसके लिए जरूरी व्यवस्था की जानी चाहिए।