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उत्तर प्रदेशलखनऊ

यूपी बोर्ड परीक्षा में लखनऊ जिले के टॉपर विद्यार्थियों से मुख्यमंत्री ने किए संवाद

शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावाकों को कई दिशा-निर्देश देने के साथ सलाह भी दी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में लखनऊ जिले में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की। उन्होंने इसके लिए उन्हें बधाई भी दी।

उन्होंने कहा कि सफलता के लिए अनुशासन का बड़ा महत्व है। नियम और संयम आपको किसी भी क्षेत्र में सफलता दिलाने के लिए महत्वपूर्ण आधार होता है। छात्रों को समय प्रबन्धन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। दिनचर्या में सोकर उठने से लेकर सोने तक का पूरा टाइम टेबल तय होना चाहिए। सुबह जल्दी उठें और रात में अध्ययन के बाद समय से सोएं, यह आपके मन और तन को स्वस्थ और तरोताजा रखेगा।

उन्होंने कहा कि तय पाठ्यक्रम के अलावा आपको देश-दुनिया के समसामयिक स्थिति से अपडेट रहना चहिए। अखबार एक अच्छा  माध्यम है। दिनचर्या में एक समय अखबार पढ़ने के जरूर रखें। अखबारों के सम्पादकीय पृष्ठ विचारों से परिपूर्ण होते हैं। अलग अलग विचारों को पढ़कर आप किसी विषय में अपना नजरिया तय कर सकते हैं। यह आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिवर्ष ‘परीक्षा पे चर्चा’ की जाती है। विद्यार्थियों  और अभिभावकों को यह चर्चा जरूर सुननी चहिए। प्रधानमंत्री द्वारा  लिखित ‘एक्जाम वॉरियर’ पुस्तक आपको दी जाएगी, इसे पढ़ें। यह आपको परीक्षा की चुनौती का सामना करने में सहायक होगा।

उन्होंने कहा कि विद्यालय और घर, दोनों जगह का माहौल विद्यार्थियों के व्यक्तित्व पर असर डालता है। इसलिए शिक्षक हों या अभिभावक, सकारात्मक माहौल बनाए रखने का प्रयास करें। महत्वपूर्ण यह भी है कि आप घर पर स्वाध्याय जरूर करें। शिक्षक के पढ़ाने की शैली विषय की ग्राह्यता पर प्रभाव डालती है। शिक्षण संस्थाओं को चाहिए कि रोचक ढंग से पढ़ाएं। अध्ययन में अपेक्षाकृत कमजोर बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं चलाई जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा छात्रों और युवाओं के हित मे अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्टैंड अप योजना, स्टार्ट अप योजना, मुद्रा योजना, डिजिटल इंडिया आदि योजनाओं का बड़ी संख्या में युवाओं ने लाभ लिया है। ऐसी व्यवस्था बनाएं कि विद्यालयों में इन योजनाओं की जानकारी छात्रों को मिल सके। योजना का पूरा विवरण जैसे, उद्देश्य, अर्हता, आवेदन का तरीका आदि पूरी जानकारी दें। प्रातःकालीन प्रार्थना सभा इसके लिए उचित अवसर हो सकती है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अभ्युदय कोचिंग संचालित करती है। यहां नीट, जेईई, यूपीएससी, यूपीपीएससी, एनडीए, सीडीएस सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी कराई जाती है। इसकी विशेषता यह है कि इसका संचालन उनके द्वारा किया जाता है जिन्होंने सम्बंधित परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया है। जैसे युवा आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीपीएस अधिकारी, युवा डॉक्टर, नव चयनित इंजीनियर्स आदि। यह अभिनव कोचिंग वर्चुअल और फिजिकल दोनों मोड में चलती है। स्कूलों में बच्चों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। हर क्षेत्र में करियर की बेहतरीन संभावना है। बस आपको अपनी प्रतिभा, क्षमता और रुचि को जानकर लक्ष्य तय करने की जरूरत हैं। मेहनत कीजिए, इसका दूसरा कोई विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा कि ऐसा अक्सर देखने में आता है कि परीक्षा पर फोकस करते हुए विद्यालय नोट्स बनाकर देने में अधिक विश्वास करते हैं। इससे बचा जाना चहिए। विषय के विस्तार में जाएं, पूरी जानकारी दें। परीक्षा पैटर्न की जानकारी अभिभावकों और विद्यार्थियों को दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्य सरकार समारोह आयोजित कर बोर्ड के होनहार विद्यार्थियों का  सार्वजनिक सम्मान करेगी। जिन विद्यालयों के विद्यार्थियों का नाम मेरिट सूची में आया है, वहां के पठन-पाठन के बेस्ट प्रैक्टिसेज पर आधारित प्रस्तुतिकरण अन्य विद्यालयों के समक्ष की जानी चाहिए। इस संबंध में अधिकारी व्यवस्था करेंगे।

उन्होंने कहा कि सफलतम व्यक्ति छोटी छोटी बातों पर ध्यान देता है और गलतियों का तत्काल परिमार्जन करता है। लापरवाही अथवा अतिआत्मविश्वास असफलता का मुख्य कारक है।

कार्यक्रम में अभिभावकों और प्राचार्यों ने भी अपने अनुभव साझा किए। मुख्यमंत्री ने टॉपर्स विद्यार्थियों से उनकी भावी योजनाओं की जानकारी ली और उन्हें शुभकामनाएं दीं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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