चीनी घुसपैठिये अपना काम करते रहे खुफिया एजेंसियां सोती रहीं
दो चीनियों की गिरफ्तारी के बाद नींद टूटी, अब जांच में लगी
नोएडा। ग्रेटर नोएडा में खुफिया तरीके रहकर चीनी घुसपैठियों अपना अंजाम देते रहे। इधर खुफिया विभाग सोता रहा। खुफिया एजेंसियों की नींद तब खुली जब गौतमबुद्ध नगर की पुलिस ने पिछले दिनों चीनी घुसपैठियों को पनाह देने के आरोप में दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार चीनी महिला चीनी नागरिक की प्रेमिका बताई गई है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों गौतमबुद्ध कमिश्नरेट की पुलिस ने गुरुग्राम से एक महिला और एक पुरुष चीनी नागरिक चीनी नागरिकों को पनाह देने के आरोप में सूफई केले और उसकी प्रेमिका पेटेकह को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। उन पर चीनी घुसपैठियों को पनाह देने और भारत की जासूसी करने के आरोप हैं।
भारतीय खुफिया एजेंसियों की छानबीन में पता चला है कि चीनियों ने यहां के घरबरा गांव में एक फार्म हाउस में अपना आलीशान
आलीशान क्लब बना रखा था। इसमें तीन सौ कमरे बताए जाते हैं। यहीं पर भारत में अवैध रूप से रह रहे और घुसपैठ कर यहां आए चीनियों की खूब अय्याशी कराई जाती थी। खुफिया एजेंसियों और पुलिस की रडार पर फिलहाल 20 से अधिक ऐसे चीनी घुसपैठिये हैं संदिग्ध हैं और फरार भी हैं। मौके से चार महिलाओं को किया गया गिरफ्तार भी कर लिया गया है। 13 जून को पकड़े गए चीनी नागरिक की निशानदेही पर यह खुलासा हुआ है। यह भी जानकारी मिली है कि दो चीनी घुसपैठियों ने क्लब में अपना वक्त बिताया था। यह क्लब भी अवैध बताया जा रहा है। इसमें बार भी स्थापित किया गया है इसे भी अवैध बताया गया है। बार क्लब में सारा सामान चीन का है जिन्हें बरामद कर लिया गया है।
इतना सब होते हुए आबकारी विभाग रोज दावा करता है कि शराब की तस्करी को रोकने के लिए वह मुस्तैद है लेकिन उसी के नाक के नीचे अवैध शराब का जमकर इस्तेमाल हो रहा था, इस पर उसकी कभी निगाह ही नहीं गई। स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) भी इन सबसे बेखबर रही और चीनी घुसपैठिये अपना काम करते रहे। अब जब कि चीनी घुसपैठियों के बारे में जानकारी मिलने लगी है सभी एकाएक होश में आ गए हैं। देश की अन्य बड़ी खुफिया एजेंसियां भी हरकत में आ गई हैं। उन्होंने भी छानबीन शुरू कर दी है।
जेपी ग्रीन में पकड़े गए चीनी नागरिक के पास चीन के साथ ही भारत का पासपोर्ट भी था। उनके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज़, आईपैड, मोबाइल, प्रिंटर आधार कार्ड के ब्लैंक पेपर भी बरामद हुए हैं।
गौरतलब है कि चीनी नागरिक सूफई केले और उसकी प्रेमिका पेटेकह की भारत में वीजा की अवधि वर्ष 2020 में समाप्त हो गई थी। तब से वे कथित रूप से छिपे तौर से भारत में न सिर्फ रह रहे थे बल्कि फैक्टरी डालकर अपना काम धाम कर रहे थे और उसी की आड़ में चीनी घुसपैठियों का पनाह भी दे रहे थे।
ऐसा समझा जाता है कि चीनियों की घुसपैठ नेपाल के साथ ही दार्जिलिंग, उत्तराखंड, हिमाचल सहित अन्य उन सीमावर्ती इलाकों से होती थी जिनकी सीमा भारत से मिलती है। खुफिया एजेंसियां अब इसकी गहन जांच में जुटी हुई हैं।