सेक्टर 62 और 63 की बंद पार्किंग फिर होगी शुरू : नए साल में लोगों को जाम से मिलेगा निजात
Noida News : नोएडा के सेक्टर 62 , 63, 64 और 65 में लगभग डेढ़ सालों से बंद पड़ी हुई पार्किंग एक बार फिर से खुलने वाली है। नए साल में इसके शुरू होने की संभावना है, जिसके बाद लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल सकेगा। बता दें कुछ कानूनी मामलों के कारण ये पार्किंग बंद कर दी गई थी, लेकिन 3 जनवरी 2025 को होने वाली सुनवाई के बाद हो सकता है कि कोर्ट इसको शुरू करने का आदेश दे। हालांकि प्राधिकरण ने एक वैकल्पिक रास्ता भी सोचा है जिससे ना तो कोर्ट के आदेश की अवमानना होगी, न ही प्राधिकरण को राजस्व का नुकसान होगा।
क्या है मामला
साल 2023, में नोएडा प्राधिकरण द्वारा सेक्टर 62 , 63, 64 और 65 में लोगों की सुविधा और जाम की समस्या को खत्म करने के लिए पार्किंग की शुरुआत की गई। कंपनियां इसका संचालन करें इसके लिए टेंडर निकाला गया। पार्किंग संचालन के लिए मैसर्स अभय कुमार सिंह समेत कई कंपनियों ने अपना आवेदन भेजे। कंपनी सेलेक्शन की प्रक्रिया में प्राधिकरण ने मैसर्स अभय कुमार सिंह को (अनहर) यानी अपात्र पाया। जिसके बाद मैसर्स अभय कुमार सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गए, और कोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया। जिसके बाद से पार्किंग बंद पड़ी हुई है। इस कारण प्राधिकरण को राजस्व का काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
ऐसे शुरू होगी पार्किंग
बता दें सालों से राजस्व का नुकसान झेल रही है प्राधिकरण, ने इस पार्किंग को शुरू करने का एक वैकल्पिक रास्ता सोचा है। प्राधिकरण के एनटीसी(नोएडा ट्रैफिक सेल) विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कोर्ट सुनवाई में अगर मैसर्स अभय कुमार सिंह के पक्ष में फैसला देती है तो यहीं कंपनी पार्किंग का संचालन करेगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो प्राधिकरण दूसरी कंपनियों का रुख कर सकती है। नई कंपनी को पार्किंग की जिम्मेदारी सौंपा जाएगी।
प्रतिदिन के आधार पर होगा पार्किंग का संचालन
पार्किंग संचालन के लिए सुझाए गए वैकल्पिक रास्ते के अनुसार,प्राधिकरण प्रतिदिन के आधार पर राजस्व प्राप्त करेगी। बता दें प्राधिकरण ने ई-टेंडर जारी किया था, जिसमें दो कंपनियां एएस मल्टिसर्विसेस और एमएस कॉन्ट्रैक्टर शामिल है। ये कंपनियां उच्च निविदाकार है। भविष्य में ये कंपनियां इन पार्किंग का संचालन करेगी। सेक्टर 63 , 64 और 65 का संचालन एएस मल्टिसर्विसेस करेगी और 62 की जिम्मेदारी एमएस कॉन्ट्रैक्टर को दी जाएगी। ये कंपनियां प्रतिदिन के आधार पर प्राधिकरण को राजस्व देगी। प्राधिकरण को राजस्व की प्राप्ति होगी और लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल सकेगा।