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राजनीति

सीएम योगी ने बांटे खंड शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र

लखनऊ के लोकभवन में चल रहे एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 271 खंड शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिए। इन सभी नए नियुक्त खंड शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र देने के साथ साथ मुख्यमंत्री ने उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए बधाई भी दी।

फेडरल भारत डेस्क:लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा की हमने चार साल के कार्यकाल के चलते प्रदेश में चार लाख बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरियां दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से चार साल पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की गरिमा दांव पर लगी रहती थी। जाति व मजहब देखकर ही नौकरियां दी जाती रहीं हैं । तथा बाहुबल का भरपूर रूप से दुरुपयोग होता रहता था। तब परीस्थितियों में पारदर्शिता और सुचिता कल्पना मात्र ही थी। लेकिन आज सभी चयन आयोगों के पारदर्शी तरीके से युवाओं का चयन हो रहा है। सरकार जब सत्ता में आयी तो सरकार ने आयोगों व बोर्डों को पहले ही निर्देश दिया था कि अगर कभी भी पक्षपात या भ्रष्टाचार की शिकायत सुनने में आई तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी बात का परिणाम है कि बीते चार सालों में अब कोई भी युवा कभी भी भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं करता है।

जानकारी के लिए बता दें, सरकार द्वारा खंड शिक्षा अधिकारियों के लिए 309 पदों पर वेकेंसी थी जिसमें से 271 सफल हुए। उत्तरप्रदेश में 12 साल बाद खंड शिक्षा अधिकारियों की नियुक्ति हुई है. शिक्षा अधिकारी 2019 की परीक्षा में 271 परीक्षार्ती सफल हुए थे। खंड शिक्षा अधिकारी 2019 की परीक्षा 6 दिसंबर, 2020 को आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में कुल 4182 परीक्षार्थी शामिल हुए थे।

कानून व्यवस्था हुई दुरूस्त, महिलाओं को दी गई है प्राथमिकता

प्रदेश में कानूनी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पी.ए.सी की भूमिका बहुत जरुरी है, परन्तु उसकी लगभग 54 कंपनियां पूर्ण रूप से समाप्त कर दी गई थीं। प्रदेश सरकार द्वारा पूरी पारदर्शीता तरीके से भर्ती की क्रिया पूरी होनी थी। जिसमें महिलाओं को आगे रख प्राथमिकता दी गई है। इसी परिणाम स्वरुप पिछले चार वर्षों के दौर में डेढ़ लाख से ज्यादा पुलिस कर्मियों की भर्ती की हुई है।

उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा होते थे दंगे

सीएम योगी ने भाषण के दौरान कहा कि कभी उत्तर प्रदेश में हर तीसरे दिन बड़ा दंगा हो जाता था। या कहें तो सबसे ज्यादा। जिसमें काफी संपत्ति और जान की हानि होती थी। इन दंगों की वजह से प्रदेश की छवि पबहुत खराब होती थी। आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस संबंध में नियंत्रण के लिए पुलिस बल की सबसे ज्यादा आवश्यकता रहती थी।

सर्वेश कुमार

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