स्कूलों में नहीं चलेंगी कंडम बसें, पुलिस थाने लाएगी
परिवहन आयुक्त ने स्कूली कंडम बसों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश
लखनऊ। स्कूलों में पढ़ने वाले मासूम बच्चों के प्रति राज्य सरकार सदय हो गई हैं। स्कूलों में अब कंडम बसें चलीं तो उनकी खैर नहीं होगी। अब उत्तर प्रदेश के स्कूलों से ऐसे अनफिट वाहन थाने लाए जाएंगे। गौरतलब है कि अनफिट वाहन के कारण पहले गाजियाबाद और फिर बागपत में मासूम बच्चों (छात्रों) की जान चली गई थी।
गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर में मासूम छात्रों की जान जाने के बाद आखिरकार परिवहन निगम नींद से जाग ही गया। इन दो बड़े हादसों के बाद उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की नींद टूटी है। राज्य के परिवहन आयुक्त ने जिलों को आदेश दिया है कि स्कूली वाहनों की जांच की जाए। जांच में जो वाहन अनफिट मिलें, उन्हें मालिकों के पास न छोड़कर सीधे थाने में लाकर खड़ा किया जाएगा। बागपत के चमरावल गांव के स्कूल में हुए हादसें को सरकार ने गंभीरता से लिया है। पूरे बागपत जिले में स्कूलों की छानबीन चल रही है। जिसमें बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है।
परिवहन आयुक्त धीरज शाहू ने जिला पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र (सर्कुलर) जारी किया है। परिपत्र में कहा है कि अनफिट स्कूली वाहनों का संचालन किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए। बागपत के एआरटीओ सुभाष राजपूत का कहना है कि परिवहन आयुक्त के निर्देशों का पालन किया जाएगा। अब स्कूलों में खड़े अनफिट वाहनों को पुलिस के सहयोग से थाने लाया जाएगा। शनिवार को अभियान चलाकर करीब एक दर्जन से ज्यादा स्कूली वाहन सीज किए गए हैं।
चमरावल गांव के रॉयल कान्वेंट स्कूल में बृहस्पतिवार की सुबह 6 वर्षीय मासूम आयुष हादसे का शिकार हो गया था। उसे स्कूल बस ने कुचल दिया था। इस मामले में जांच-पड़ताल चल रही है। स्कूल संचालक और ड्राइवर को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अब रविवार को घटनास्थल की जांच फॉरेंसिक टीम ने की है। फॉरेंसिक टीम ने अहम सबूत एकत्र किए हैं। दुर्घटना में शामिल मिनी बस की जांच की गई है।
दरअसल, पीड़ित परिवार को सांत्वना देने आए सांसद सत्यपाल सिंह ने घटनास्थल की फोरेंसिक टीम से जांच नहीं करने पर नाराज़गी जाहिर की थी। आयुष का परिवार पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई पर संतुष्ट नहीं है। पीड़ित परिवार ने घटना में शामिल और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। चांदीनगर क्षेत्र के चमरावल रॉयल कान्वेंट स्कूल में छात्र आयुष की मौत हुई थी। इसके पहले गाजियाबाद में भी इसी तरह की घटना हो चुकी है जिसमें एक मासूम छात्र को अपनी जान गवांनी पड़ी थी।