उपभोक्ताओं पर पड़ेगा भारः पश्चिमांचल के जिलों में बिजली उपभोक्ताओं के घरों में लगेंगे स्मार्ट बिजली के मीटर
पश्चिमांचल विद्युत निगम के टेंडर को यूपीपीसीएल ने आनन-फानन में किया पास, उप्र राज्य उपभोक्ता परिषद ने की सीबीआई जांच की मांग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पश्चिमांचल के जिलों में अब बिजली के स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। पश्चिमांचल विद्युत निगम के टेंडर को पावर कारपोरेशन ने मंजूर कर लिया है। बताया जाता है कि यूपीपीसीएल ने पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के टेंडर को आनन-फानन में पास किया है। उधर, उप्र विद्युत उपभोक्ता परिषद ने टेंडर स्वीकृति की पूरी प्रक्रिया की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
निरस्त हो चुके हैं टेंडर
गौरतलब है कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में स्मार्ट मीटर लगाने का जहां टेंडर पास हो गया है वहीं इससे पहले मध्यांचल, दक्षिणांचल और पूर्वांचल के टेंडर निरस्त किए जा चुके हैं। ये टेंडर तय सीमा से अधिक दर आने के आधार पर निरस्त किए गए थे।
इंटेली स्मार्ट कंपनी को मिला टेंडर
पश्चिमांचल के जिलों में स्मार्ट बिजली के मीटर लगाने का टेंडर इंटेली स्मार्ट कंपनी को मिला है। अब ये कंपनी गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, बागपत, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, शामली, बुलंदशहर, रामपुर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, हापुड़ जिलों में बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम करेगी। बिजली कंपनियां स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी को प्रति मीटर 89.95 रुपये प्रति माह का भुगतान करेंगी।
सीबीआई जांच की मांग
उधर, टेंडर पास होने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने टेंडर को पास करन की प्रक्रिया को सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने अधिक दर मंजूर करने का आरोप है।
उपभोक्ताओं के जब पर पड़ेगा भार
जानकारों का कहना है कि पश्चिमांचल के जिलों में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने से निश्चित रूप से बिजली के बिल अधिक आएंगे। उनका कहना है कि ये स्मार्ट मीटर काफी तेज गति से भागते हैं जिसका सीधा प्रभाव बिजली के मीटर रीडिंग पर पड़ता है। इसे बिजली उपभोक्ताओं को ही भुगताना होगा। इसके अलावा बिजली कंपनियां स्मार्ट बिजली के मीटर का जो भुगतान मीटर लगाने वाली कंपनियों को करेंगी उसका कई गुना अधिक किराया बिजली उपभोक्ताओं से वसूल किया जाएगा।