देशव्यापी हड़ताल : कोलकाता की घटना को लेकर डाक्टरों में आक्रोश, नोएडा में हड़ताल पर रहे डाक्टर्स, सेवाएं प्रभावित
नोएडा (फेडरल भारत न्यूज) : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की हत्या के मामले में देशभर के डॉक्टरों का गुस्सा उफान पर है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की देशव्यापी हड़ताल के आह्वान पर नोएडा सहित जिले के सरकारी और निजी चिकित्सक हड़ताल पर रहे और विरोध प्रदर्शन किया। आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाएं हड़ताल की वजह से प्रभावित रहीं।
सभी अस्पतालों के चिकित्सक रहे हड़ताल पर
आइएमए के आह्वान पर जिले के सभी सरकारी और निजी चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ा। कोलकाता की घटना के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए नोएडा के डॉक्टर्स ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई की मांग करते हुए इंसाफ की लगाई लगाई।
सांसद महेश शर्मा हड़ताल में नजर आए
भाजपा के सांसद और कैलाश सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल के मालिक महेश शर्मा भी डॉक्टरों के प्रदर्शन में नजर आए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आपातकालीन सेवाएं जारी डॉक्टर हमेशा मानवता के साथ खड़े हैं आरोपियों पर हो कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष नोएडा, सुनील अवाना ने कहा है कोलकाता के मेडिकल कालेज में जिस बेटी के साथ यह घटना हुई, उसे इंसाफ दिलाने लिए नोएडा के सभी डाक्टर एकजुट हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसी घटनाएं रोकने के लिए संसद में कड़े से कड़ा कानून बनाना चाहिए।
सात सौ से अधिक डाक्टर हुए शामिल
आइएमए के आह्वान पर आयोजित हड़ताल में नोएडा के 67 छोटे-बड़े अस्पतालों के लगभग सात सौ चिकित्सकों ने हिस्सा लिया और स्लोगन लिखे पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को दिक्कतें हुईं। खासतौर पर जिला अस्पताल में शनिवार को ओपीडी बंद रही। इससे मरीजों को कोई देखने वाला नहीं मिला।
देश के हर कोने से जबरदस्त प्रतिक्रिया
उधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अशोकन ने कहा, देश के हर कोने से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। अन्याय के खिलाफ डॉक्टर एकजुट होकर खड़े हैं। इमरजेंसी सेवाओं का ध्यान रखते हुए विरोध प्रदर्शन जारी है। हर जगह डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। हम सरकार से इस दिशा में कदम उठाने की उम्मीद करते हैं, क्योंकि यह सुरक्षा का एक बुनियादी सवाल है, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर। न केवल डॉक्टर्स के लिए बल्कि दोष की सभी महिलाओं के लिए।