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साइबर अटैक : नोएडा में बुजुर्ग महिला को चार दिन डिजिटल अरेस्ट कर 19 लाख रुपये ठगे, पार्सल में ड्रग बताकर फंसाया था

नोएडा(फेडरल भारत नेटवर्क) : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में डिजिटल अरेस्ट के मामलों में काफी तेजी से इजाफा हो रहा है। ताजा मामला सेक्टर 120 का है, जहां एक बुजुर्ग महिला को चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और सीबीआइ अधिकारी बनकर 19 लाख रूपये की ठगी कर ली। चार दिन पहले ही सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल से साइबर अपराधियों ने दो करोड़ रुपये की ठगी की थी।

पार्सल में ड्रग बताकर महिला का फंसाया

साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार सेक्टर 120 में नमिता खरे नामक बुजुर्ग महिला रहती हैं। उनके पास फोन आया कि आपके द्वारा भेजे गए पार्सल में ड्रग हैं। फोनकर्ता ने खुद को सीबीआइ अधिकारी बताया। उन्हें भयभीत करके चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 19 लाख रुपये बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए। उन्होंने महिला को बताया कि उनके नाम पर चीन भेजे जा रहे एक पार्सल में ड्रग्स पाई गई हैं। यह सुनकर स्वाभाविक रूप से नमीता बहुत डर गईं। इसके बाद अपराधियों ने कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर नमीता को अपने जाल में फंसाया। वे इतनी डर गईं कि जो भी निर्देश दिए गए, उन्होंने बिना सोचे-समझे अमल करती चली गईं

दो खातों को पुलिस ने फ्रिज कराया

रिपोर्ट दर्ज होने के बाद साइबर क्राइम थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो बैंक अकाउंट को फ्रिज कर दिया। साइबर थाना पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है। इस संबंध में टेलीफोन लिंक के माध्यम से पुलिस साइबर अपराधियों तक पहुंचने में लगी है।

चार दिन पहले मेजर जनरल बने थे शिकार

इससे पहले नोएडा के सेक्टर 31 में रहने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल एनके धीर को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ रुपये ठगी की थी। साइबर ठगों ने पीड़ित को बताया कि एक पार्सल ताइवान के लिए बुक हुआ है, जिसमें ड्रग रखी हुई है। धीर के पास एक कॉल आया, जिसमें साइबर ठगों ने खुद को डीएचएल कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताया। पीड़ित को बताया कि एक पार्सल ताइवान जा रहा है, उसे पार्सल को मुंबई में कस्टम विभाग ने खोला, जिसमें प्रतिबंधित दवाएं मिली हैं। इसके बाद साइबर ठगों ने बाम्बे क्राइम ब्रांच पुलिस के नाम से व्हाट्स एप ग्रुप से जोड़ा और पूरा खेल करके दो करोड़ रुपये वसूल लिए। इस मामले में साइबर थाने की पुलिस को अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है।

क्या करें साइबर फ्रॉड से बचने के लिए

किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड वह फिर चाहे डिजिटल अरेस्ट ही क्यों न हो, से बचने के लिए हमेशा सावधान और सतर्क रहना चाहिए। कभी भी अगर आप इस तरह के कॉल रिसीव करते हैं तो सबसे पहले आपको सावधान रहने की जरूरत है। इसके साथ ही ऑनलाइन स्कैम और फ्रॉड के तरीकों की जानकारी रखें। आपको यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि सरकार, बैंक या फिर कोई भी जांच एजेंसी कॉल पर आपको डरा या धमका नहीं सकती है। आप कॉल काटकर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा लें।

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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