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डाटा सेंटरः उत्तर प्रदेश की बढ़ेगी जीडीपी, सुधरेगा ईको सिस्टम

सीएम ने डाटा सेंटर नीति 2021 कराई थी तैयार, 15950 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से चार डाटा सेंटर की स्थापना प्रक्रियाधीन

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई मंत्रिमंडल की बैठक में डाटा पार्क की स्थापना को लेकर प्रोत्साहन संबंधित चार निवेश प्रस्तावों पर कुछ शर्तों के साथ मुहर लगाई थी। इससे प्रदेश में डाटा सेंटर पार्क्स आसानी से स्थापित हों सकेंगे। इनमें अन्य डाटा सेंटर इकाइयां भी होंगी।

आत्मनिर्भर होगा प्रदेश

डाटा सेंटर पार्क्स की स्थापना से डाटा स्टोरेज में भारत और प्रदेश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हो सकेगा। इससे प्रदेश में डाटा सेंटर ईको-सिस्टम में सुधार होगा और जीडीपी में भी वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पिछले कार्यकाल में डाटा सेंटर क्षेत्र के महत्व को देखते हुए डाटा सेंटर नीति 2021 तैयार कराई थी। नीति के तहत विभिन्न वितीय और गैर वित्तीय प्रोत्साहन दिए गए हैं। हाल ही में हुए तीसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 80 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों में सर्वाधिक करीब 20 हजार करोड़ के प्रस्ताव डेटा सेंटर स्थापना के ही थे। करीब 15,950 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से चार डाटा सेंटर पार्क्स की स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन है। इनमें 9134.90 करोड़ रुपये के निवेश वाली हीरानन्दानी समूह की एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जापान की 1687 करोड़ के निवेश वाली एनटीटी ग्लोबल सेंटर्स एंड क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, 2414 करोड़ और 2713 करोड़ की दो परियोजनाएं अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की हैं। इनसे 4000 से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेंगे। हीरानंदानी समूह की पहली बिल्डिंग जुलाई में तैयार होने और सितंबर से व्यावसायिक कार्य शुरू होने की संभावना है।

मंत्रिमंडल ने नीति के तहत इन परियोजनाओं को आवश्यक प्रोत्साहन देने का निर्णय इन शर्तों के साथ लिया है कि वित्तीय प्रोत्साहनों की अनुमन्यता के लिए नीति की अवधि के अंदर करने वाले निवेश मान्य होंगे और नीति की अवधि 5 वर्षों के दौरान शुरू हो जाएंगे। किसी भी इकाई को सभी स्रोतों से मिलने वाले वित्तीय प्रोत्साहन, जब तक कि नीति में या विनिर्दिष्ट न हो, उसके स्थिर पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत की सीमा से अधिक नहीं होंगे।

डेटा सेंटर का हब बन रहा उप्र

डेटा सेंटर नीति के तहत दी गई रियायतों के चलते 30 बड़े निवेशकों ने आईटी सेक्टर में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करने में रुचि दिखाई है।

नोएडा इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग जोन बना

आईटी सेक्टर में निवेशकों के बढ़ती रुचि को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में स्थित नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे क्षेत्र को “इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग जोन” घोषित किया है। इससे देश के दिग्गज औद्योगिक घरानों समेत चीन, ताइवान और कोरिया की अनेक प्रतिष्ठित कंपनियां अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए आगे आई हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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