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उत्तर प्रदेशलखनऊ

मां के शव के साथ दस दिनों तक रहती रही बेटी

शव से बदबू आने पर पड़ोसियों ने दी थी पुलिस को सूचना

लखनऊ। मां बेटी का संबंध कितना प्रगाढ़ होता है, इसका अंदाजा जो इस संबंध को जी रहा है, उसे ही होता है। मां-बेटी के प्रगाढ़ संबंध को दर्शाती एक घटना लखनऊ के इंदिरानगर थाना क्षेत्र में घटी। इस घटना में मां की मौत के सहसा बेटी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उसकी मां अब उसे छोड़ कर उस दुनिया में चली गई है जहां से कोई दोबारा नहीं आता है। घटना इंदिरा नगर थाना क्षेत्र के मयूर रेजीडेंसी का है। यहां के एक मकान में मां-बेटी रह रही थीं। मां का अचानक के निधन हो गया। इसका विश्वास बेटी को नहीं हो रहा था। इसका नतीजा यह रहा कि वह 10 दिनों तक मां के शव के साथ रहती रही। शव से बदबू भी आने लगी थी लेकिन लगता है कि बेटी को कुछ महसूस ही नहीं हो रहा था। घर से बदबू आने पर पड़ोसियों ने दी इसकी सूचना पुलिस को दी।

पुलिस बताए गए पते पर पहुंची। उसने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया लेकिन जब दरवाजा नहीं खोला गया तो दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर पहुंची। पुलिस ने वहां देखा कि कमरे में बिस्तर पर मां का शव पड़ा था। बेटी दूसरे कमरे में थी। शव की शिनाख्त सुनीता दीक्षित के रूप में हुई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और सुनीता की बेटी से पूछताछ कर रही है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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