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उत्तर प्रदेशलखनऊ

निर्णयः राज्य स्तर पर गठित होगी संयुक्त साइबर कॉर्डिनेशन टीम

साइबर अपराधों में तुरंत कार्यवाही के लिए पाक्सो कोर्ट्स भी फास्ट ट्रैक कोर्ट्स में नामित किए जाएंगे  

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में साइबर सुरक्षा को और अधिक चुस्त-दुरूस्त और सुदृढ़ बनाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इस सिलसिले में पिछले दिनों गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम को निर्देश दिए गए कि प्रदेश के हर जिले में साइबर थाने खोलने और उसके लिए जरूरी स्टाफ, उपकरण आदि की व्यवस्था के बारे में विस्तृत प्रस्ताव तत्काल शासन को भेजें। बैठक में गृह और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।

बैठक में साइबर सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने के लिए राज्य स्तर पर संयुक्त साइबर कॉर्डिनेशन टीम गठन किए जाने पर विचार किया गया। टीम में  पुलिस विभाग के अलावा साइबर विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा।

साइबर जागरूकता दिवस मनाया जाएगा

बैठक में साइबर अपराधों के प्रति सतर्कता और सुरक्षा के संबंध में जन-जागरूकता विकसित करने के लिए विभिन्न स्थानों तथा शिक्षण संस्थाओं आदि में साइबर जागरूकता दिवस भी मनाने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इसकी रूपरेखा बनाकर शासन को शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

पुलिस विभाग से रिपोर्ट तलब

बैठक में 5-जी तकनीक के दृष्टिगत प्रदेश के महत्वपूर्ण स्थलों बैंक, रेलवे स्टेशन, मेट्रो, पावर सेक्टर व अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में डाटा सिक्योरिटी की चुनौतियों का अध्ययन कर उससे निपटने के लिए जरूरी प्रयासों के संबंध में भी शासन ने पुलिस विभाग से रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए आईआईटी कानपुर और अन्य साइबर विशेषज्ञों से भी समन्वय स्थापित किया जाएगा।

इस पर भी हुआ विचार-विमर्श

बैठक में साइबर अपराध के मामलों में प्रभावी कार्यवाही के लिए पाक्सो कोर्ट्स को भी साइबर अपराधों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट्स में नामित कराए जाने के संबंध में भी शासन गंभीरता से विचार कर रहा है। बैठक में केंद्र सरकार द्वारा अपनाये जाने वाले साइबर सुरक्षा उपायों को भी राज्य सरकार द्वारा अपनाने के संबंध में गहन विचार-विमर्श किया गया। इसी के साथ ही साइबर सुरक्षा के प्रति पुलिस कर्मियों को नई-नई तकनीकों का प्रशिक्षण देने और साइबर फारेंसिक लैब की स्थापना पर भी विचार-विमर्श किया गया।

प्रदेश में बनने वाले फारेंसिक साइन्स इन्स्टीट्यूट में आगामी शैक्षणिक सत्र से डिप्लोमा व अन्य कोर्सेस को चालू किए जाने के संबंध में भी अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की गई तथा इस संबंध में अन्य अग्रिम कार्यवाही शीघ्र किए जाने के निर्देश दिए गए।

बैठक में सचिव गृह तरूण गाबा, अपर पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम सुभाष चन्द, अपर पुलिस महानिदेशक, तकनीकी शाखा, मोहित अग्रवाल, एडीजी रेलवे, पीयूष आनन्द के अलावा आईटी यूपीपीसीएल आदि विभागों के वरिष्ठ  अधिकारी शामिल थे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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