दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की ऐतिहासिक जीत, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया हार गए, जानिए सम्पादक आशीष गुप्ता से बीजेपी की जीत और आप के हार के कारण ?
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नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए एक बड़ा झटका साबित हुए हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 26 साल बाद दिल्ली की सत्ता पर कब्जा कर लिया है। इस चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अपनी-अपनी सीटों से हार गए हैं।
दिल्ली चुनाव 2025: सीटों का पूरा गणित
इस बार के चुनाव में भाजपा ने 70 में से 40 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी महज 26 सीटों तक सिमट गई। कांग्रेस को कुछ सीटों पर बढ़त मिली, लेकिन वह मुख्य मुकाबले से बाहर रही।
दल | 2020 सीटें | 2025 सीटें | परिवर्तन |
भाजपा | 8 | 40+ | +32 |
आप | 62 | 26 | -36 |
कांग्रेस | 0 | 3 | +३ |
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की हार
अरविंद केजरीवाल अपनी नई दिल्ली सीट से भाजपा प्रत्याशी से हार गए।
मनीष सिसोदिया जंगपुरा सीट पर पराजित हुए।
भाजपा की जीत के प्रमुख कारण
१ . मोदी लहर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व का प्रभाव दिल्ली में दिखा।
२ . केजरीवाल सरकार के खिलाफ नाराजगी: दिल्ली की जनता में AAP सरकार के प्रति असंतोष बढ़ रहा था, खासकर महिला सुरक्षा, यमुना प्रदूषण और खराब सड़कों को लेकर।
३ . फ्री योजनाओं का असर कम हुआ: बिजली-पानी फ्री देने की AAP की योजना ने इस बार वोटर्स को उतना आकर्षित नहीं किया।
४ . ED-CBI मामलों का प्रभाव: AAP सरकार के खिलाफ शराब नीति घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोपों ने भी जनता की सोच को बदला।
५ . हिंदुत्व कार्ड: भाजपा ने हनुमान चालीसा और राम मंदिर को लेकर मजबूत चुनावी रणनीति अपनाई, जिससे हिंदू वोटर भाजपा के पक्ष में आ गए।
AAP की हार के कारण
१ . नेतृत्व संकट: मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के जेल में होने से पार्टी कमजोर हो गई।
२ . केजरीवाल का गिरता ग्राफ: अरविंद केजरीवाल की छवि पहले की तरह मजबूत नहीं रही, और जनता ने बदलाव को प्राथमिकता दी
३ . भ्रष्टाचार के आरोप: शराब नीति घोटाले के आरोपों ने AAP की विश्वसनीयता को कमजोर किया।
४ . विपक्षी एकता की कमी: कांग्रेस और AAP के बीच मजबूत गठबंधन न होने से वोटों का बंटवारा हुआ, जिससे भाजपा को फायदा मिला।
भाजपा के लिए ऐतिहासिक जीत
दिल्ली में भाजपा की यह जीत बेहद खास है, क्योंकि पार्टी 26 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी कर रही है। भाजपा ने रणनीतिक रूप से झुग्गी-झोपड़ी वोट बैंक, मध्य वर्ग और हिंदू वोटरों को अपने पक्ष में किया, जिससे उसे ऐतिहासिक जीत मिली।
क्या केजरीवाल देंगे इस्तीफा?
इस करारी हार के बाद, अब सवाल उठ रहा है कि क्या अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देंगे? राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि AAP में अंदरूनी कलह बढ़ सकती है और पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठ सकती है।
आगे क्या होगा?
१ . भाजपा अब दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए नए चेहरे की तलाश करेगी।
२ . AAP अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करेगी और नई रणनीति अपनाने की कोशिश करेगी।
३ . कांग्रेस, जो अब धीरे-धीरे उभर रही है, क्या दिल्ली में वापसी कर पाएगी?
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे AAP के लिए सबसे बड़ा झटका और भाजपा के लिए ऐतिहासिक अवसर हैं। क्या केजरीवाल इस हार से उबर पाएंगे, या दिल्ली की राजनीति में अब भाजपा का दबदबा रहेगा? यह आने वाले महीनों में साफ हो जाएगा।