नई दिल्ली(फेडरल भारत न्यूज): दिल्ली में पिछले दिनों ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने काफी सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, ‘कोचिंग सेंटर डेथ चैंबर बन गए हैं और छात्रों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।‘ कोर्ट ने इस मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।
सरकारों से पूछा, सेफ्टी का क्या नियम लागू हैं
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली कोचिंग सेंटर में हुई मौतों के मामले में स्वतः संज्ञान लेते केंद्र सरकार और दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर पूछा कि कोचिंग सेंटरों मे क्या सेफ्टी के नियम लागू किए गए है.। कोर्ट ने कहा कि ‘किसी भी संस्थान को ‘सुरक्षा मानदंडों को पूरा करने तक अनुमति नहीं मिले’।
आनलाइन चलाए जाएं कोचिंग सेंटर
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को इस मामले मे कोर्ट की सहायता करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि हमारा ये सोचना है कि अगर कोचिंग सेंटर सेफ्टी नॉर्म को पूरा नहीं करते हैं तो इन्हें आनलाइन मोड में कर दिया जाना चाहिए। वहां पढ़ने वाले युवाओं के गरिमामयी जीवन के लिए सुरक्षा मानदंडों और बुनियादी मानदंडों का पूर्ण पालन हो, इन मानदंडों में बेहतर वेंटिलेशन, सुरक्षा मार्ग, हवा और रोशनी शामिल है।
क्या था मामला
उल्लेखनीय है क दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सर्किल के ‘बेसमेंट’ में पानी भरने से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इस दुखद घटना को एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है। छात्र इंसाफ की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि उनकी जिंदगियों को ताक पर रखकर कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, अगर वक्त रहते कार्रवाई हुई होती तो राजेंद्र नगर में ये दुखद हादसा ना होता।