दिल्ली सरकार करेगी खादी ग्रामोद्योग बोर्ड को सशक्त, कारीगरों को मिलेगा स्किल और रोजगार

नोएडा: दिल्ली सरकार अब खादी और ग्रामोद्योग से जुड़े कारीगरों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठा रही है।
दिल्ली खादी ग्रामोद्योग बोर्ड (DKVIB) को 50 करोड़ रुपये के बजट से पुनर्जीवित किया जाएगा। इससे कारीगरों को स्किल ट्रेनिंग, रोजगार के अवसर और बाजार से सीधा जुड़ाव मिलेगा।
उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में अहम बैठक
मंगलवार को उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में बोर्ड मुख्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें 50 से ज्यादा विशेषज्ञ, युवा उद्यमी, कारीगर और स्वयं सहायता समूहों ने भाग लिया। सभी ने मिलकर इस दिशा में नए कदमों पर चर्चा की।
आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल पर फोकस
मंत्री सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के विज़न को आगे बढ़ा रही है। बोर्ड को फिर से खड़ा करके आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे।
युवाओं को मिलेगा हुनर और बिजनेस का मौका
नई योजना के तहत दिल्ली के युवाओं और कारीगरों को न केवल प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि संसाधनों और नेटवर्क से भी जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य है कि वे अपना खुद का उद्यम शुरू कर सकें।
थीम आधारित वर्कशॉप और स्किल ट्रेनिंग
सरकार जल्द ही थीम आधारित स्किल वर्कशॉप शुरू करेगी। इनमें पारंपरिक शिल्प, प्राकृतिक वस्त्र, चमड़ा उद्योग, ईको-फ्रेंडली पैकेजिंग, मिट्टी के बर्तन और खाद्य प्रसंस्करण पर ध्यान दिया जाएगा।
आधुनिक तकनीक और ब्रांडिंग की ट्रेनिंग
कारीगरों को ब्रांडिंग, डिजिटल मार्केटिंग और आधुनिक तकनीकों की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही क्लस्टर आधारित उद्योगों को बढ़ावा, स्किल लोन स्कीम, इनक्यूबेशन सेंटर और शहरी बाजारों से सीधा जुड़ाव स्थापित किया जाएगा।
यह योजना न केवल पारंपरिक कारीगरी को जीवित रखेगी, बल्कि नई पीढ़ी को स्वरोजगार के लिए सक्षम भी बनाएगी।