×
उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्ट

मांगः किसानों की समस्याओं के समाधान और बर्बाद फसलों के मुआवजे के लिए सौंपा ज्ञापन

किसानों ने किसको सौंपा ज्ञापन, क्या है उनकी मांग, क्या कहा गया है ज्ञापन में

ग्रेटर नोएडा। भारतीय किसान यूनियन ने किसानों की समस्याओं के निराकरण और उनकी विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए आज सोमवार को सदर एसडीएम अंकित कुमार के जरिये मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर एसीपी तृतीय बृजनंदन राय भी मौजूद थे। भारतीय किसान यूनियन की जिला कैंप कार्यालय दनकौर पर एकत्र हुए किसानों का कहना था कई बार आंदोलन और ज्ञापन देने के बावजूद उनकी समस्याओं का न तो निराकरण हुआ है और न ही उनकी मांगें पूरी हुई हैं।

क्या कहा गया है ज्ञापन में

भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में उन्हें अवगत कराने की कोशिश की गई है कि भारतीय किसान यूनियन 36 सालों से खेती किसानी के मुद्दों पर आन्दोलन करती रही है। मौजूदा दौर में प्रदेश की विकास की धुरी कृषि साबित हुई है और यह किसी भी कृषि प्रधान देश एवं प्रदेश के लिए गर्व की बात होती है। लेकिन मौजूदा समय में खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित होती जा रही है। खेती में आय बढ़ने की जगह खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसे वहन करने की क्षमता अब किसानों में नहीं रही। परिवार के पालन-पोषण से लेकर बच्चों की शिक्षा पर इसका बुरा असर पड़ा है। सही सरकारी नीतियों को लागू न कर पाने से वह खुद को असहज महसूस कर रहा है।

क्या है किसानों की प्रमुख मांगें

1.शुगर अमेंडमेंट एक्ट में गन्ने का भुगतान करने का प्रावधान 14 दिन में है। इसी अवधि में गन्ने के बकाये का भुगतान हो और किसानों के गन्ना भुगतान को डिजिटल माध्यम से जोड़ा जाए। प्रदेश की कई चीनी मिलों पर किसानों का आज भी करोडों रूपये बकाया है। पेराई सत्र शुरू होने वाला है। मांग की गई है कि प्रदेश की सभी चीनी मिल पेराई सत्र शुरू होने से पहले पूरा भुगतान करें।

  1. गन्ने की खेती पर बढ़ते हुए खर्च को देखते हुए प्रदेश के किसान को 450 रूपये प्रति कुन्तल गन्ने का मूल्य निर्धारित किया जाए।
  2. धान की खरीद सरकार सुचारू रूप से करें और किसानों को पराली जलाने से रोके जाने पर सरकार पराली कम्पोस्ट की उचित व्यवस्था करें।
  3. किसानों के खेत को आवारा पशुओं से बचाने के लिए लगाए जाने वाले कंटीलें तारों के आदेश को पूरी तरह रद किया जाए और छुट्टा पशुओं से किसानों को निजात दिलाई जाए।
  4. किसानों के साथ किए गए सिंचाई की बिजली के मुफ्त वादे को पूरा किया जाए और जो किसानों की बिजली समस्याएं हैं उन्हें पूर्णतः हल किया जाए।
  5. ट्रैक्टर-ट्रॉली पर लगाए गए 10 हजार रूपये जुर्माना व कार्यवाही के आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए और किसान हित में फैसला लिया जाए।
  6. प्रदेश में बेमौसम बारिश से धान और अन्य फसलों को भारी क्षति हुई है। इसे देखते हुए प्रदेश के किसानों का क्षति हुई फसलों को उचित मुआवजा दिया जाए।
  7. जीएम सरसों को देश एवं प्रदेश में पूरी तरह प्रतिबन्धित किया जाना चाहिए। जीएम सरसों खेती, फसलों, पर्यावरण और मनुष्य जीवन सभी के लिए नुकसानदायक है।
  8. रबी की बुआई से पहले किसानों को बीज और उर्वरक (खाद) लेने में अनेंक दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। बीज व उर्वरक की सभी केन्द्रों पर उचित व्यवस्था की जाए।
  9. पशुओं में आए लम्पी वायरस से प्रदेश के पशुपालकों को व किसानों को उनके गौवंश के मर जाने से भारी क्षति हुई है और इसका असर प्रदेश के दुग्ध उत्पादन पर भी पड़ा है। इसलिए इसका सर्वे कराकर जिन किसानों के पशु लम्पी वायरस में मर गए हैं, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।

ज्ञापन देने के दौरान ये लोग थे मौजूद

ज्ञापन देने के इस मौके पर भाकियू पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राजे प्रधान, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र नागर, जिला अध्यक्ष अनित कसाना, मास्टर सुबेराम, फिरेराम तोगर, नरेंद्र नागर, धर्मपाल स्वामी, सुभाष सिलारपुर, भिखारी प्रधान, रिछपाल बाबूजी, राकेश ठेकेदार, ठाकुर सुरजन सिंह, प्रदीप नागर आदि सैकड़ों किसान कार्यकर्ता मौजूद रहे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Tags

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close