धर्म-कर्मः शिव-पार्वती विवाह व शुकदेव जन्म की कथा का वर्णन किया
नोएडा के सेक्टर 82 पॉकेट सात में आयोजित की गई है श्रीमद भागवत की कथा, आज दूसरा दिन
नोएडा। सेक्टर 82 के पॉकेट 7 में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन गोभक्त कथा व्यास पुष्कर कृष्ण जी महाराज ने शिव पार्वती विवाह एवं शुकदेव जन्म की रोचक कथा का वर्णन किया। उन्होंने कथा में बताया कि हिमालय राज की कन्या पार्वती बड़ी होने लगती हैं। पार्वती ने मन में प्रण लिया की वह शिव को पति के रूप में प्राप्त करेंगी। देवता भी शिव जी को मनाते हैं कि वह पार्वती से विवाह कर लें लेकिन शिव जी इसके लिए तैयार नहीं हुए। माता पार्वती शिव जी को प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या करती हैं। भगवान शिव प्रसन्न हो विवाह के लिए तैयार हो जाते हैं। देवताओं, भूत, प्रेतों, पिशाचों को लेकर तन में भस्म लगाए शिव बरात लेकर हिमालयराज के यहां पहुंचते हैं। माता मैना दूल्हे का भेष देखकर डर जाती हैं और पार्वती का विवाह करने से मना कर देती हैं। सभी ने समझाया कि शिव जी कोई साधरण नहीं हैं वह तो देवों के देव हैं। मां पार्वती और भगवान शिव का विवाह होता है और देवता पुष्पों की वर्षा करते हैं।
अगले प्रसंग में भगवान शिव माता पार्वती को अमर कथा सुना रहे हैं। माता को नींद आ जाती है और उनकी जगह एक तोता हुंकारी भरने लगता है। जब शिव जी को पता चला तो उन्होंने शुक को मारने के लिए त्रिशूल छोड़ दिया। तीनों लोकों में भागता शुक्र व्यास जी के आश्रम पहुंचा और उनकी पत्नी के मुख से गर्भाशय में पहुंच गया जहां वह बारह वर्ष तक रहे और भगवान कृष्ण के आश्वासन के बाद जन्म लिया। कथा रोजाना 3 बजे से 7 बजे तक आयोजित होती है।
इस अवसर पर राघवेंद्र दुबे, एनके सोलंकी, रवि राघव, अमितेश सिंह,सुशील पाल, देवमणि शुक्ल, बृज किशोर सिंह, रमेश वर्मा, संजय शुक्ला,मुन्ना चौधरी, एस के अग्रवाल, राजेश गुप्ता, सुभाष शर्मा, संजय पांडे, एस के तिवारी, रमेश चंद शर्मा, प्रमोद श्रीवास्तव, गिरिराज जी, राजवीर सिंह, सियाराम सहित तमाम भक्तजन मौजूद रहे।