डिजिटल तकनीक ने मानव जीवन को पूरी तरह बदल दिया : डॉ रिपुदमन
नोएडा : प्रतिष्ठित लॉयड बिजनेल स्कूल के डीन डॉ रिपुदमन गौड़ ने कहा कि डिजिटल युग में तकनीक ने हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। आज के दौर में काम के तरीके और जीवनशैली दोनों में तकनीकी क्रांति ने एक नया मोड़ दिया है। जहां एक ओर इंटरनेट और डिजिटल उपकरणों ने हमें अनेक सुविधाएं प्रदान की हैं, वहीं दूसरी ओर इनका असीमित उपयोग हमारे कार्य-जीवन संतुलन को चुनौती दे रहा है।
अब कार्यस्थल तक सीमित नहीं
डॉ रिपुदमन गौड़ ने कहा डिजिटल युग में हम अपने कार्यस्थल तक सीमित नहीं हैं। हम कहीं से भी और कभी भी काम कर सकते हैं। ईमेल, मैसेजिंग ऐप्स, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य डिजिटल उपकरणों के माध्यम से कार्यस्थल से जुड़े रहना बेहद आसान हो गया है। हालांकि, इससे यह भी हुआ है कि काम के घंटे बढ़ गए हैं और व्यक्तिगत जीवन के लिए समय निकालना मुश्किल हो गया है।
चुनौतियां:डिजिटल प्लेटफार्म्स के कारण हम लगातार कनेक्ट रहते हैं, जिससे यह उम्मीद की जाती है कि कर्मचारी हमेशा उपलब्ध रहें। इससे मानसिक तनाव, थकान और व्यक्तिगत जीवन में असंतुलन की समस्याएं बढ़ रही हैं।डिजिटल वर्ल्ड के प्रति अति निर्भरता निम्नवत चुनौतियों को जन्म दे रहा है
• काम का दबाव और उपलब्धता: डिजिटल युग में काम के घंटे तय नहीं होते। कई बार कर्मचारियों से उम्मीद की जाती है कि वे ऑफिस समय के बाद भी उपलब्ध रहें, जो कार्य और जीवन के बीच की सीमाओं को धुंधला कर देता है।
• सोशल मीडिया का प्रभाव: कार्यस्थल के अलावा, सोशल मीडिया भी एक बड़ा समय खाने वाला उपकरण बन गया है। निजी और व्यावसायिक जीवन के बीच की लकीर और भी पतली हो जाती है जब हम काम के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी समय बिताते हैं।
• मानसिक तनाव: डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग और लगातार कनेक्ट रहने की प्रवृत्ति ने मानसिक तनाव, थकान और अनिद्रा जैसी समस्याओं को जन्म दिया है। इसके कारण काम के प्रति उत्साह में कमी और व्यक्तिगत संबंधों में खटास आ सकती है।
समाधान- डिजिटल युग में कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन कुछ उपायों और रणनीतियों के माध्यम से इसे प्राप्त किया जा सकता है। तकनीक का सही उपयोग, अनुशासन और मानसिक संतुलन के साथ हम इस युग की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण समाधान दिए गए हैं:
• समय प्रबंधन: कार्य-जीवन संतुलन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है समय का उचित प्रबंधन। काम के लिए निश्चित समय निर्धारित करना और उस समय का पालन करना आवश्यक है। इसके साथ ही, परिवार और अपने लिए भी समय निर्धारित करें ताकि दोनों क्षेत्रों में संतुलन बना रहे।
• डिजिटल डिटॉक्स: समय-समय पर डिजिटल उपकरणों से दूरी बनाना आवश्यक है। हर दिन कुछ घंटों के लिए फोन, लैपटॉप और सोशल मीडिया से ब्रेक लें ताकि मानसिक शांति बनी रहे
• स्पष्ट सीमाएं बनाएं: ऑफिस और व्यक्तिगत जीवन के बीच स्पष्ट सीमाएं बनाएं। ऑफिस के काम को ऑफिस समय तक सीमित रखें और घर के समय में परिवार और खुद पर ध्यान दें।
• स्वस्थ आदतें अपनाएं: नियमित व्यायाम, ध्यान और पर्याप्त नींद लें। ये स्वस्थ आदतें मानसिक और शारीरिक रूप से आपको मजबूत बनाएंगी और काम के दबाव को कम करेंगी।
• सहयोग और संवाद: अगर आप अपने कार्य-जीवन संतुलन को बनाए रखने में संघर्ष कर रहे हैं, तो अपने सहयोगियों और वरिष्ठों के साथ इस विषय पर संवाद करें। डिजिटल युग में सहकर्मियों के बीच सहयोग और संवाद ही आपको बेहतर संतुलन बनाने में मदद करेगा।
तकनीक ने हमारे जीवन को सरल बनाया है, लेकिन इसका सही उपयोग ही हमें एक बेहतर और संतुलित जीवन जीने में मदद करेगा। काम और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाकर ही हम अपनी कार्यक्षमता को बढ़ा सकते हैं और मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए, डिजिटल युग की चुनौतियों को पहचानें और उनका सामना करें ताकि आप एक सुखद और संतुलित जीवन जी सकें।