नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बढ़ती कुत्तों की हिंसा: 10,000 से अधिक लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीनेशन
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नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आवारा और पालतू कुत्तों द्वारा हमला करने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, कुत्तों द्वारा खरोचने और गंभीर रूप से काटने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिसंबर 2024 में अकेले 10,000 से अधिक लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन दी गई, जो इस बात का संकेत है कि कुत्तों के हमलों की समस्या गंभीर रूप से बढ़ गई है।
जिले में हर महीने औसतन 12,000 से अधिक लोग कुत्तों, बिल्लियों और बंदरों द्वारा काटे जाने से प्रभावित होते हैं। यह आंकड़ा प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बन चुका है। जनवरी 2024 से लेकर दिसंबर 2024 तक कुल 1,45,137 लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीनेशन दी गई, जिनमें से सबसे ज्यादा मामले आवारा और पालतू कुत्तों के काटने के थे।
स्वास्थ्य विभाग अब इन घटनाओं के हॉटस्पॉट्स की पहचान करने में जुटा है, ताकि इन इलाकों में कुत्तों के हमलों में कमी लाई जा सके। इन हॉटस्पॉट्स की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग, CVO (Chief Veterinary Officer) और नोएडा अथॉरिटी मिलकर एक संयुक्त योजना तैयार करेंगे। यह योजना कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने, सार्वजनिक स्थानों पर इनके व्यवहार को सुधारने और नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बनाई जाएगी।
इस बढ़ती समस्या को लेकर डॉ. अमित कुमार, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, जिला अस्पताल का कहना है, “कुत्तों द्वारा किए जाने वाले हमले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव बन रहा है। इससे निपटने के लिए हमें अवश्य ही एक सशक्त और समन्वित योजना की जरूरत है। लोगों को भी सावधानी बरतनी होगी और पशु अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता बनाए रखनी होगी।”
इस बढ़ती समस्या को देखते हुए, यह महत्वपूर्ण हो गया है कि प्रशासन और नागरिक मिलकर इन घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। सार्वजनिक जागरूकता और सख्त उपायों के माध्यम से कुत्तों द्वारा किए जाने वाले हमलों में कमी लाई जा सकती है।