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दहेज का दानव : ग्रेटर नोएडा  में बड़ी गाड़ी की मांग पूरी न करने पर विवाहिता को मारने की चेष्टा, पड़ोसियों ने बचाई जान

ग्रेटर नोएडा (FBNews) : दहेज को समाज के लिए अभिशाप कहा जाता है, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद समाज से यह कुरीति खत्म नहीं हो पा रही है। हालांकि दहेज प्रताड़ना के नाम पर निर्दोषों को फंसाने और पुलिस द्वारा उत्पीड़ित किए जाने के मामले भी सामने आते रहे हैं। ताजा मामला ग्रेटर नोएडा जोन के दादरी थाना क्षेत्र का है, जहां एक विवाहिता को दहेज लोभियों ने कमरे में बंद करके मुंह पर कपड़ा बांधकर उसे मारने की कोशिश की। शोर मचाने पर आसपास के लोगों ने पहुंचकर विवाहिता को चंगुल से मुक्त कराया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इसके बाद से पूरा परिवार फरार है।
एक वर्ष पहले ही हुई थी शादी
पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, बिरेंद्र कसानी पुत्र रिछपाल सिंह की बेटी पूजा की शादी लगभग एक वर्ष पहले 23 नवंबर 2023 को दादरी में रेलवे रोड पर स्थित शिववाटिका निवासी मनीष बैसला से हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज को लेकर पूजा को प्रताडित किया जा रहा था। इसी वर्ष फरवरी में मनीष और उसकी मां कुसुम ने पूजा को मारपीट कर घर से निकाल दिया। 11 नवंबर को ससुराल वाले यह आश्वासन देकर वापस ले गए कि भविष्य में प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। लेकिन 25 नवंबर को उसे जान से मारने की कोशिश की गई।
मुंह पर कपड़ा बांधकर की जान लेने की कोशिश
रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि दहेज के लोभियो ने पूजा को कमरे में बंद कर दिया और उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की गई और गला दबाकर मारने की कोशिश की गई। उसके मुंह पर कपड़ा बांध दिया। शोर शराब सुनकर आसपड़ोस के लोग पहुंचे घर के अंदर शीशे का दरवाजा तोड़कर विवाहिता को मुक्त कराया। उसे बदहवासी की हालात में दादरी के कुश डिवाइन अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका उपचार चल रहा है। इस घटना में विवाहिता का पति मनीष, मां कुसुम, मनीष की नानी, मौसी और मौसी की बेटी के खिलाफ दादरी में दहेज उत्पीड़न का अभियोग पंजीकृत कराया गया है। घटना के बाद से पूरा परिवार फरार है। आरोप है कि उसे कई दिनों से खाना भी नहीं दिया गया। दहेज में गाड़ी की मांग की जा रही थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना की जांच महिला उपनिरीक्षक अंजली तिवारी को सौंपी गई है।
दहेज मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त
दहेज उत्पीड़न के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रूख काफी सख्त है, परंतु दहेज उत्पीड़न में पति के दूर के रिश्तेदारों के नाम लिखाकर बेवजह उन्हें फंसाने को लेकर भी गंभीर है। हाल ही में एक मामले में सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आइपीसी की धारा 498 ए के अंतर्गत पति के दूर के रिश्तेदारों को नहीं फंसाया जाना चाहिए। हालांकि रिश्तेदार शब्द को कानून में परिभाषित नहीं किया गया है। सामान्य तौर पर किसी व्यक्ति के माता-पिता, बेटा-बेटी, बहन भतीजा, पोता-पोती को शामिल किया जा सकता है। दादरी के मामले में पति की नानी, मौसी और मौसी के बेटी को भी नामजद किया गया है।

 

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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