ड्रीम प्रोजेक्टः रोजगार व विदेशी निवेश की धुरी बनेगा जेवर एयरपोर्ट
बनने केे पहलेे ही कई औद्योगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है यह ड्रीम प्रोजक्ट, दो स्टेज में होगा विकास का कार्य
ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ड्रीम प्रोजेक्ट जेवर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट भविष्य में रोजगार और विदेशी निवेश की धुरी बनेगा। इस एयरपोर्ट के निर्माण हो जाने से जहां औद्योगिक अवस्थापना का संरचनात्मक विकास होगा वहीं रोजगार के कई अवसर भी बढ़ेंगे। विनिर्माण एवं निर्यात को जो प्रोत्साहन मिलेगा वह अलग से हवाई यातायात सुगम तो होगा ही इसी के साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
कई औद्योगिक सेक्टरों का विकास हुआ
अभी जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया में है, इसके बनने से पहले ही एयरपोर्ट के निकट कई औद्योगिक सेक्टरों का विकास यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में हुआ है। भविष्य में यह क्षेत्र सबसे बड़ा औद्योगिक और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों का केंद्र बनेगा।
दो स्टेज में होगा एयरपोर्ट का विकास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को जेवर एयरपोर्ट का निरीक्षण किया था। उस निरीक्षण के दौरान यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ अरुणवीर सिंह, नोडल ऑफिसर शैलेंद्र भाटिया और जुरिक एयरपोर्ट की कम्पनी यमुना इण्टरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टाफ शेल्लमन्न के ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की। उन्होंने मुख्यमंत्री को जानकारी दी थी एयरपोर्ट का विकास दो स्टेज में होगा। पहले स्टेज में यह एयरपोर्ट दो रन-वे का होगा, जो दूसरे स्टेज में बढ़कर पाँच रन-वे का हो जाएगा। दो रन-वे का यह एयरपोर्ट 70 मिलियन यानी 7 करोड़ वार्षिक यात्रियों की क्षमता का होगा और इस पर लगभग 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका विकास चार चरणो में होगा। प्रथम चरण में वर्ष 2023-24 में 12 मिलियन यानी 1 करोड़ बीस लाख वार्षिक यात्रियों की क्षमता का यह एयरपोर्ट शुरू में एक रन-वे का होगा, जो वर्ष 2031 में बढ़कर 30 मिलियन यानी 3 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का और दो रन वे का हो जाएगा। वर्ष 2036 में यह 50 मिलियन और वर्ष 2040 में यह 70 मिलियन यानी 7 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का हो जाएगा।
ईपीसी कॉंट्रैक्टर टाटा प्राइवेट लि. कर रही निर्माण
जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण ईपीसी कॉंट्रैक्टर टाटा प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। वर्तमान में टर्मिनल बिल्डिंग और रन-वे का निर्माण शुरू हो चुका है। सितंबर 2024 में एयरपोर्ट का निर्माण पूरा हो जाएगा। एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के क्रम में दूसरे स्टेज में तीन रन-वे और बनाए जाएंगे। तीसरा रन-वे 1365 हेक्टेयर में, चैथा रन-वे 1318 हेक्टेयर और पाँचवा रन-वे 735 हेक्टेयर में बनाया जाएगा।
भूमि अधिग्रहण के लिए धनराशि उपलब्ध
तीसरे रन-वे के निर्माण के लिए आवश्यक 1365 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुमति के साथ ही बजट भी उपलब्ध करा दिया है और अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है।