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न्यू नोएडा : आकार लेने से पहले ही अधिसूचित क्षेत्र में मंडराने लगे प्रॉपर्टी डीलर, भूमाफिया और बिल्डर्स

न्यू नोएडा को 209.11 वर्ग किमी यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाना है

नोएडा (मुकेश पंडित) : ‘पैठ सजी नहीं और गिरकट पहले ही आ गए’ वाली पुराना कहावत इन दिनों दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) के नाम से बसने वाले भावी न्यू नोएडा शहर पर पूरी तरह फिट बैठती है। लोग जमीनों पर गिद्ध दृष्टि जमाए हुए हैं और अधिसूचित क्षेत्र में जमीनों की कीमतें अभी से आसमान छूने लगी हैं। भूमाफिया और कुछ बिल्डरों के गुट क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। किसानों को बहलाने-फुसलाने का काम भी भूमाफियों की टोलियों ने शुरू कर दिया है। हालांकि  प्राधिकरण इस बार काफी फूंक-फूंककर कदम उठा रहा है और अधिसूचित क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी गई है।
सक्रिय हुए बिल्डर और भूमाफिया
न्यू नोएडा को 209.11 वर्ग किमी में यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाना है। इसके लिए 80 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी, जिसे नोटिफाई किया जा चुका है। डीएनजीआईआर को गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों को मिलाकर बनाया गया है। प्रथम चरण में दादरी जीटी रोड से सटे गांव बील अकबरपुर, नई बस्ती, चिटहेरा, कोट आदि में भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। ऐसे में यहां जमीनों की कीमतें अचानक एक लाख से 1.20 लाख रुपये प्रति वर्ग गज की दरों तक पहुंच गई हैं। कुछ बिल्डर यहां बल्क में जमीन खरीदने के लिए किसानों के संपर्क में है। कोट के किसान बलजीत सिंह बताते हैं कि न्यू नोएडा शहर बसने के ऐलान के बाद बिल्डरों व प्रॉपर्टी के काम करने वालों की सक्रियता बढ़ गई है। दादरी में रह रहे किसान रणजीत सिंह का कहना है कि उनकी कुछ जमीन दादरी के जीटी रोड पर है। रोजाना ही डीलर उनसे संपर्क करके जमीन बेचने का दबाव बना रहे हैं। उधर, किसानों ने कई स्थानों पर जमीनों की घेरेबंदी शुरू कर दी है।
13 प्रतिशत ही आवासीय
न्यू नोएडा का मास्टरप्लान नोएडा विकास प्राधिकरण और एसपीए (स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट) ने बनाया है। डीएनजीआईआर में 40 प्रतिशत भू उपयोग औद्योगिक, 13 प्रतिशत आवासीय और ग्रीन एरिया और रीक्रिएशनल एक्टिविटी के लिए 18 प्रतिशत जमीन का प्रावधान किया गया है। दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन न्यू नोएडा के मास्टरप्लान 2041 को शासन से मंजूरी मिलने के बाद अधिग्रहण की कार्रवाई शीघ्र शुरू की जा रही है। इस मास्टरप्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा। सबसे पहले 15 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। पहले फेज में 3165 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। बीत सोमवार को प्राधिकरण के उच्चाधिकारियों ने किसानों के साथ पहली बैठक भी की है।
जोखाबाद के पास कैंप कार्यालय
न्यू नोएडा की गतिविधियों और भूअधिग्रहण की कारवाई के लिए प्राधिकरण जोखाबाद व सांवली के पास कैंप कार्यालय बनाया जाएगा। सीईओ लोकेश एम ने ओएसडी महेंद्र प्रसाद, क्रांति शेखर सिंह, जीएम लीनू सहगल, डीजीएम विजय रावल के साथ तहसीलदार शशि कुमार, धर्मवीर भारती के साथ अधिसूचित क्षेत्र का दौरा किया था। सीईओ ने न्यू नोएडा के लिए अधिसूचित गांवों का निरीक्षण सिकंदराबाद तहसील में आने वाले गांवों से शुरू किया। सीईओ लोकेश एन अधिकारियों से कहा कि केजीपी के साथ जहां जीटी रोड अलग होती है, वहां से लगे गांवों में अधिग्रहण की कार्रवाई सबसे पहले शुरू होगी। अधिग्रहण के लिए सीईओ ने अधिकारियों से कहा कि संबंधित गांव के प्रधान व अन्य प्रमुख लोगों से बैठक कर समन्वय के साथ आपसी समझौते के तहत जमीन खरीदी जाए।

 

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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