सुविधाः ग्रेटर नोएडा समेत पश्चिमी उप्र व मध्य में बनेंगे बीफॉर्मा-मेडिकल डिवाइस पार्क
ग्रेटर नोएडा में अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट के पास जमीन चिन्हित, जल्दी ही शुरू कराया जाएगा निर्माण कार्य
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए मेडिकल इंडस्ट्री की ओर रूख किया है। इससे जहां प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एकाएक उछाल आएगा, वहीं प्रदेशवासियों को सस्ता इलाज, दवा और जांच की बेहतर सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए सरकार प्रदेश के मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को बीफॉर्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क के रूप में विकसित करेगी। इतना ही नहीं योगी सरकार फॉर्मा पार्क जमीन खरीदने पर कंपनी को ब्याज पर सब्सिडी, बुनियादी सुविधाओं के निर्माण पर ब्याज पर सब्सिडी भी देगी। इसी के साथ ही कंपनी को कुल लागत पर 15 प्रतिशत सब्सिडी के साथ स्टांप शुल्क पर भी छूट दी जा सकती है। उप्र में बने मेडिकल डिवाइस और दवाओं को जर्मनी, फ्रांस, दक्षिण एशिया और अमेरिका में सप्लाई किया जाएगा।
मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए ग्रेटर नोएडा में जमीन चिन्हित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि वर्तमान में मेडिकल इंडस्ट्री में काफी ऑपर्च्युनिटी (अवसर) है क्योंकि यह हाईटेक और डिमांडिंग इंडस्ट्री है। वहीं पूरे देश में उप्र में सबसे ज्यादा सालाना करीब 74 हजार फॉर्मा ग्रेजुएशन की पढ़ाई बच्चे पूरी करते हैं। ऐसे में उप्र को मेडिकल हब के रूप में आसानी से विकसित किया जा सकता है। इसके लिए मध्य और पश्चिमी उप्र के कुछ शहर ज्यादा मुफीद हैं। यह शहर एक्सप्रेस-वे के आसपास मौजूद हैं। साथ ही यहां पर पहले से छोटी-छोटी मेडिकल कंपनियां हैं। उन्होंने ने कहा कि वर्तमान में मेडिकल के क्षेत्र में उप्र ग्रोथ स्टेट वैल्यू एडिशन (जीएसवीएन) वन बिलियन डॉलर से कम है इसे बढ़ाकर 2 से 3 बिलियन डॉलर करने की जरूरत है। ऐसे में इसे बढ़ाने के लिए मेडिकल डिवाइस पार्क को विकसित करने के लिए गौतमबुद्धनगर को चुना गया है। इसके लिए गौतमबुद्धनगर स्थित जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन को चिन्हित कर लिया गया है। जल्द ही यहां पर मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, गोरखपुर और हापुड़ में फॉर्मा पार्क का निर्माण किया जाएगा।
मिलेगी सब्सिडी और स्टांप शुल्क में छूट
राज्य सरकार मेडिकल इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियों को उप्र में बीफॉर्मा पार्क की स्थापना के लिए जमीन खरीद पर 50 प्रतिशत तक ब्याज पर सब्सिडी और फॉर्मा पार्कों के अंदर बुनियादी सुविधाओं के साथ सामान्य सुविधाओं के निर्माण पर 60 प्रतिशत तक ब्याज पर सब्सिडी देगी। इसके अलावा कुल लागत पर 15 प्रतिशत तक सब्सिडी देने के साथ जमीन खरीद पर स्टांप शुल्क में छूट देगी। उप्र को मेडिकल इंडस्ट्री के रूप में विकसित करने के लिए करीब एक हजार से लेकर 17 सौ एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए योगी सरकार 3 से 4 बिलियन डॉलर खर्च करेगी। वहीं विदेशों और अन्य राज्यों में मेडिकल डिवाइस और दवाओं की सप्लाई के लिए ईस्टन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की भी स्थापना की जाएगी ताकि जल्द से जल्द इन्हे गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा सके।
अमेरिका, फ्रांस जर्मनी में सप्लाई होंगे एमडी
उप्र में बने मेडिकल डिवाइस (एमडी) और दवाओं को अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और दक्षिण एशिया में सप्लाई किया जाएगा। यहां पर चिकित्सीय उपकरण, उपकरण और दवाओं की काफी मांग है। यहां पर चिकित्सीय उपकरण में लैब उपकरण, नीडल, सूचर, डेंटल किट आदि की सप्लाई की जा सकती है जबकि उपकरण में एक्स-रे मशीन के पार्ट्स आदि शामिल हैं। वहीं प्रदेश में मेडिकल इंडस्ट्री की स्थापना से मेटल, मशीनरी, कांच, केमिकल और प्लास्टिक इंडस्ट्री में भी ग्रोथ होगी क्योंकि बिना इन इंडस्ट्री के फॉर्मा कंपनी अपने प्रोडेक्ट को तैयार नहीं कर सकती है। इससे रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे।
60 हजार से अधिक रोजगार के अवसर होंगे
एक अनुमान के अनुसार उत्तर प्रदेश में मेडिकल इंडस्ट्री की स्थापना से प्रति वर्ष 60 हजार से अधिक रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे जबकि अभी यह आकड़ा 20 हजार से 40 हजार प्रति वर्ष ही है। यह रोजगार प्रोडेक्शन, पैकेजिंग, सुपरवाइजर, प्रोडेक्शन मशीन ऑपरेटर, क्वालिटी कंट्रोल केमिस्ट और मैनेजर आदि के क्षेत्र में सबसे अधिक उपलब्ध होंगे।