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सुविधाः स्मार्ट कार्ड से मुफ्त यात्रा कर सकेंगे राष्ट्रीय या राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक

परिवहन विभाग का राष्ट्रीय और राजकीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को तोहफा, स्मार्ट कार्ड को टिकटिंग मशीन पर टैप करने पर मिलेगा जीरो मूल्य का टिकट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वे शिक्षक जो राष्ट्रीय या राजकीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं उन्हें योगी सरकार स्मार्ट कार्ड के जरिये उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा का लाभ देगी। परिवहन विभाग की ओर से की गई पहल पर शिक्षा निदेशक, बेसिक एवं माध्यमिक ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों और प्रदेश के जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईएसओ) को इस संबंध में पत्र लिखकर ऐसे सभी पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों की डिटेल एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

स्मार्ट कार्ड के लिए अप्लाई करना होगा

शिक्षा विभाग की ओर से परिवहन विभाग को सूची उपलब्ध कराने के बाद लाभार्थी शिक्षक को स्मार्ट कार्ड के लिए खुद अप्लाई करना होगा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय या राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए कूपन आधारित यात्रा चार हजार किलोमीटर प्रति वर्ष की सीमा तक निर्धारित की गई है।

5 वर्ष के लिए जारी होगा कार्ड

परिवहन निगम द्वारा अपनी नई बस टिकटिंग योजना के अन्तर्गत लागू की जा रही ईटीआईएम (स्मार्ट कार्ड) के माध्यम से टिकट जारी किए जाने की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय या राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को परिवहन निगम द्वारा विशेष स्मार्ट कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। इन स्मार्ट कार्ड को टिकटिंग मशीन पर टैप करने पर शून्य मूल्य का टिकट जारी होगा, जिसमें बस नम्बर, कहां से कहां तक की यात्रा है, का विवरण अंकित होगा। इस प्रकार जारी स्मार्ट कार्ड्स से की गई यात्राओं एवं उससे संबंधित सभी एमआईएस क्लॉउड आधारित डाटा सर्वर पर प्राप्त होगा, जिससे राष्ट्रीय या राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों के लिए जारी टिकटों के आधार पर प्रतिपूर्ति की धनराशि का वास्तविक आगणन निदेशक बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा को उपलब्ध कराया जाएगा। स्मार्ट कार्ड का मूल्य लाभार्थी को स्वयं वहन करना होगा। कार्ड की आयु 5 वर्ष है। खोने या जमा होने की स्थिति में नया कार्ड लाभार्थी को धनराशि का भुगतान करते हुए प्राप्त करना होगा।

स्मार्ट चिप में होगा पूरा विवरण

स्मार्ट कार्ड के लिए पुरस्कृत शिक्षक लाभार्थी को अपने आधार कार्ड एवं निदेशक बेसिक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा प्राप्त परिचय पत्र के साथ शिक्षक का प्रमाणित फोटो लगा हो, जिसमें इस का उल्लेख हो कि परिचय पत्र धारक राष्ट्रीय या राज्य पुरस्कार प्राप्त अध्यापक है, के साथ परिवहन निगम के किसी भी जिले के स्टेशन पर जाकर प्रार्थना पत्र निर्धारित प्रारूप में अपना विवरण अंकित करना होगा। आधार कार्ड एवं शिक्षा विभाग द्वारा जारी परिचय पत्र की स्वप्रमाणित छायाप्रति (फोटो कापी) उपलब्ध करानी होगी। आधार कार्ड का ऑथेंटिकेशन प्राप्त होते ही स्मार्ट कार्ड काउंटर से उपलब्ध होगा। कार्ड का मूल्य 100 रुपये तथा 18 प्रतिशत जीएसटी अलग से देय होगी जिसका भुगतान शिक्षक को ही करना होगा।कार्ड में स्मार्ट चिप लगा होगा, जिसमें शिक्षक का पूरा विवरण फीड होगा।

ऑनलाइन भी कर सकेंगे अप्लाई

लाभार्थी शिक्षक के पास डेबिट और क्रेडिट कार्ड की तरह नाम और फोटो सहित पर्सनलाइज्ड स्मार्ट कार्ड प्राप्त करने का भी विकल्प होगा। काउंटर पर एप्लिकेशन जमा करने के सात कार्यदिवस में कार्ड जारी किया जाएगा। एसएमएस पर कार्ड तैयार है कि सूचना मिल जाएगी। लाभार्थियों के पास स्मार्ट कार्ड के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने का भी विकल्प होगा। इसके लिए उन्हें परिवहन निगम की वेबसाइट www.upsrtc.com पर लॉगिन करना होगा, जहां उपलब्ध लिंक पर जाकर अपना विवरण एवं फीस जमा करनी होगी।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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