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विफलताः गौतमबुद्ध नगर जिले में रोके नहीं रुक रही है शराब की तस्करी

दिल्ली की केजरीवाल सरकार की शराब नीति उत्तर प्रदेश में तस्करी को दे रही बढ़ावा

नोएडा। उत्तर प्रदेश में शराब की तस्करी रोके नहीं रुक रही है। आबकारी विभाग और पुलिस संयुक्त रूप से इसे रोकने का अभियान भी चला रही है। चेकिंग के दौरान रोजाना शराब तस्कर पकड़े भी जा रहे हैं लेकिन तस्करी है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। जिले में एक अप्रैल से 21 अगस्त तक 17 हजार लीटर अवैध शराब पकड़ी जा चुका है। इसके साथ 235 लोगों को जेल भी भेजा जा चुका है। पकड़ी गई शराब की कीमत 35 लाख रुपये आंकी गई है।

क्यों नहीं रुक रही है शराब की तस्करी

उत्तर प्रदेश खासतौर से गौतमबुद्ध नगर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में शराब की तस्करी बढ़ी है। दरअसल, दिल्ली के केजरीवाल सरकार की शराब नीति उत्तर प्रदेश में शराब की तस्करी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। दिल्ली सरकार की शराब नीति के तहहत वहां एक बोतल शराब की खरीद पर एक बोतल शराब फ्री है। इस नीति के तहत दिल्ली में शराब ठेके के संचालको ने शराब पीने के शौकीन लोगों को शराब पर ऑफर देना शुरू कर दिया है। इसके तहत शराब ठेको पर एक बोतल पर एक बोतल फ्री देने का ऑफर चलाया गया है। इस आफर के बाद जगह जगह पर शराब खरीदने के लिए लोगों की लाइन लग गई है। शराब का ऑफर जानकर सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के लोग ने भी दिल्ली में शराब खरीदनी शुरू की। गौतमबुद्ध नगर खासतौर से नोएडा में प्रवेश पर आबकारी विभाग ने ऐसे लोगों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया है। दिल्ली से सटे बॉर्डर पर सघन तलाशी में ऐसे शराब तस्कर पकड़े जा रहे हैं।

क्या कहते हैं जिला आबकारी अधिकारी

गौतमबुद्ध नगर जिले के जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह बताते हैं कि आबकारी विभाग ने एक अप्रैल से चलाए गए अभियान में 21 अगस्त तक 17 हज़ार लीटर शराब बरामद की। इस दौरान कुल 235 लोगों को आबकारी विभाग ने पकड़ा। यह शराब आबकारी विभाग ने 96 गाड़ियों से बरामद की। उन्होंने बताया कि शराब की कीमत 35 से 40 लाख रुपये तक है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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