नकली नोटः खुद छापते थे नोट और चला देते थे बाजार में, तीन लोग पुलिस के हत्थे चढ़े
गिरफ्तार लोगों में एक महिला भी, पुलिस ने इनके पास से काफी मात्रा में छपे नकली नोट सहित कई सामान बरामद किए, भेजा जेल
नोएडा। नोएडा के सेक्टर 63 थाना क्षेत्र में काफी दिनों से नकली नोट छापने और उसे बाजार में चलाने का कालाधंधा हो रहा था। पुलिस ने इस आरोप में आज रविवार को तीन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक महिला भी शामिल है। इनके पास काफी मात्रा में नकली नोट सहित नोट छापने में प्रयुक्त किए गए सामान आदि बरामद हुए हैं।
कौन हैं पकड़े गए लोग
सेंट्रल नोएडा के डीसीपी रामबदन सिंह ने आज रविवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए नकली नोटों के काले धंधे का पर्दाफाश कर आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके कार्य के तरीकों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि थाना सेक्टर 63, नोएडा पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान शरगून निवासी हनुमान मंदिर के पास राधा कृष्ण गेट बहलोलपुर थाना सेक्टर 63, नोएडा, दूसरे धीरज (उम्र 19 वर्ष) मूल निवासी ग्राम छतवा थाना मेजा जिला प्रयागराज के रूप में हुई है। वह वर्तमान में राजू के मकान भोला का आफिस हनुमान मंदिर के बराबर में बहलोलपुर थाना सेक्टर 63 नोएडा में रहता था। जिस महिला को गिरफ्तार किया गया है उसका नाम कोमल यादव उर्फ प्रिया यादव मूल निवासी ग्राम छर्रा दादो थाना छर्रा जिला अलीगढ़ के रूप में हुई है। वह वर्तमान मं डीएसएम पब्लिक स्कूल वाली गली ग्राम बहलोलपुर थाना सेक्टर 63 नोएडा में रहती थी।
क्या हुआ इनके पास से बरामद
उन्होंने बताया कि इनके बहलोलपुर रहने वाले स्थान से 100-100 रपये नोट के तैयार 327 नकली नोट (कुल 32700 रूपये), 200 रुपये के तैयार 107 नकली नोट (कुल 21400 रूपये) व 10 सीट 100 के नोटों की बिना कटी (प्रत्येक में 4 नोट नकली), 11 सीट 200 रुपये की बिना कटी (प्रत्येक में 4 नोट नकली छपे हैं), एक प्रिन्टर, विभिन्न कंपनियों के तीन मोबाइल फोन, एक लैपटाप, अधबने 100 रुपये के 23 नोट, 32 सफेद कागज, दो फाइल कोरे कागजों की, एक मेज, एक कटर, एक डिब्बी फेवीकोल, एक डब्बे में 2 भरी हुई कलर्ड ब्लैक इंक, तीन खाली डिब्बी इंक की, एक पैमाना स्टील, एक स्कूटी टेस्टनी बरामद हुई हैं।
कैसे छापते थे नोट, व बाजार में चलाते थे
डीसीपी ने बताया कि 28 अप्रैल को थाना सेक्टर 63 पुलिस ने एफएनजी तिराहे के पास अंग्रेजी शराब के ठेके के सामने सेक्टर 63 से फर्जी नोट को छापकर बाजार में चलाने के काले धंधे के आरोप में गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपी काफी खर्च करते थे। रुपये कहीं से नहीं मिल रहे थे।
फिल्म से मिली नकली नोट बनाने की प्रेरणा
उन्होंने बताया कि एक दिन आरोपियों ने मिलकर शाहिद कपूर की जाली नोटों पर बनी फिल्म देखी। जो नकली नोटों से संबंधित है। इसके बाद यूटूब पर नकली नोट बनाने का तरीका देखा और समझा। आरोपियों ने साजिश के तहत करीब तीन महीने पहले एक कलर प्रिन्टर खरीदा लेकिन वह उनके सीखने से खराब हो गया था। इसके बाद उन्होंने दोबारा फिर शिप्रा मॉल से कलर प्रिन्टर खरीदा। फिर साइबर कैफे में जाकर प्रिन्टर खऱीदने से पहले काम किया और फिर उन्होंने प्रिन्टर खरीदकर नकली नोट बनाने की साजिश रची।
ऐसे छापते थे नोट
उन्होंने कुछ नोट 100 रुपये व 200 रुपये के प्रिन्टर के माध्यम से कलर प्रिन्ट निकालते हैं जिसमें वे सफेद कागज ए-4 साइज ड्राइंग का इस्तेमाल करते हैं। पहले एक तरफ से फिर दूसरी तरफ से प्रिंट निकालकर फेविकाल से दोनों को चिपकाकर व कटर से काटकर नोट तैयार कर लेते हैं। इसके अतिरिक्त इस कागज से अलग थोड़ा मोटा कागज इस्तेमाल करते हैं और कलर प्रिन्टर से प्रिंट निकालते हैं। इस कागज में आरोपियों को नोट चिपकाने की जरूरत नहीं पड़ती है। इस काले धंधे के बारे में आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि जो नोट प्रतिदिन वे बनाते थे उनमें से कुछ नोट आपस में बांट लेते थे और कुछ नोट अपने पास रख लेते थे।
ऐसे चलाते थे नकली नोट
डीसीपी ने बताया कि तीनों आरोपी पहले भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र को चिन्हित करते थे। उनके चिन्हित किए गए स्थानों सब्जी, फलों, जूस की ठेली लगाने वाले लोग, खोखे तथा परचून आदि की वे दुकानें होती थीं जहां अधिक से अधिक लोग होते थे। वहां वे आसानी से अपने बनाए नकली नोट को चला देते थे। वे अधिकतरर छोटे बच्चों को 100 व 200 रुपये के नोट देकर दुकान पर भेजते थे ताकि कोई शक न करे और बच्चे से 20 या 30 रूपये का खाने-पीने का सामान मगांते थे। उसे बच्चा खा-पी लेता था। बाकी रुपये आरोपी अपने पास रख लेते थे। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि वे जल्दी से जल्दी अधिक धन कमाना चाह रहे थे।
लूटपाट की साजिश भी रच रहे थे
डीसीपी ने बताया कि आरोपियों ने पुलिस को जानकारी दी है कि वे कोमल के जरिये राह चलते लोगों की गाड़ी को रुकवाकर किसी न किसी बहाने से उसमें सवार चालक को क्लोरोफार्म सुघांकर उनसे उनका माल लूट करने की योजना भी बना रहे थे। इसी इरादे से हमने कुछ लोगो को भी टारगेट किया हुआ था। उन्होंने 500 व 2000 के नोट भी छापने की साजिश रची थी। इसके लिए उन्होंने गूगल से काफी साफ्टवेयर डाउनलोड किए थे लेकिन वे 500 व 2000 के नोट को सही से नहीं बना पाए। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया है कि व नौकरी दिलाने के लिए किसी की मार्कशीट में किसी का नाम चढ़ा देते थे।
जल्दी से धनवान बनने को कर रहे थे अपराध
डीसीपी ने कहा कि आरोपियों की आपराधिक मानसिक सोच से स्पष्ट है कि वे जल्द से जल्द अधिक से अधिक पैसा कमाने की लालच में देश की जाली करेंसी तैयार कर आम लोगों, मासूम बच्चों का इस्तेमाल कर सब्जी, फलों, जूस की ठेली लगाने वाले लोगों व खोखे आदि पर जाली नोट चलाकर अपना स्वार्थ पूरा करने में कोई गुरेज नहीं कर रहे थे। इनके अपराध करने के तरीकों से यह स्पष्ट है कि उन्हें पैसे कमाने की लालच में जघन्य से जघन्य अपराध करने से भी कोई गुरेज नहीं है।